Chamoli Glacier Burst: सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने के लिए पहुंचे MARCOS कमांडोज

उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले में ग्‍लेशियर फटने (Chamoli Glacier Burst) के बाद तबाही मची है। लागातर बचाव कार्य किए जा रहे हैं। इस बीच इंडियन नेवी (Indian Navy) के सबसे जांबाज कमांडोज वहां पहुंच गए हैं।

MARCOS Commandos

फाइल फोटो।

जब साल 2013 में जब उत्तराखंड में केदारनाथ हादसा हुआ तो उस समय भी इंडियन नेवी के मार्कोस (MARCOS Commandos) ने दुनिया को अपनी ताकत से रूबरू करवाया।

उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले में ग्‍लेशियर फटने (Chamoli Glacier Burst) के बाद तबाही मची है। लागातर बचाव कार्य किए जा रहे हैं। इस बीच इंडियन नेवी (Indian Navy) के सबसे जांबाज कमांडोज वहां पहुंच गए हैं। ये कोई और नहीं बल्कि नेवी के खतरनाक मार्कोस कमांडोज (MARCOS Commandos) की टीम है।

दरअसल, तपोवन की सुरंग 180 मीटर की है। 130 मीटर अंदर तक टीमें पहुंच चुकी हैं, लेकिन मलबा भरा हुआ है। तीन दिन से रेस्क्यू का काम जारी है। उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या 9 फरवरी को 31 तक पहुंच गई। वहीं, एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने को लेकर सेना, एनडीआरएफ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और एसडीआरएफ का संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा।

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तपोवन सुरंग में कल दिन भर, रातभर और और अभी भी मलबा हटाने का काम बिना रुके जारी है। बचाव के लिए दूसरा तरीका भी अपनाया जा रहा है। सुरंग के दूसरी तरफ से ड्रिल करके अंदर पहुंचने की कोशिश की जा रही है। सुरंग खोदने में एक्सपर्ट सेना के गढ़वाल स्काउट की टीम तपोवन में मौके पर है। बाहर से ड्रिलिंग की जा रही है। बचाव टीमों को उम्मीद है कि वो जरूरी दूरी जल्द तय कर लेंगे।

वहीं, अंदर जाने के लिए 5 लोगों की टीम ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ तैयार है। साथ ही सुरंग में अंदर दाखिल होने के लिए दूसरी तरफ से भी ड्रिलिंग की जा रही है। अब सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने के लिए मरीन कमांडोज का दस्ता भी पहुंचा है।

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बता दें कि जब साल 2013 में जब उत्तराखंड में केदारनाथ हादसा हुआ तो उस समय भी इंडियन नेवी के मार्कोस ने दुनिया को अपनी ताकत से रूबरू करवाया। इसके बाद साल 2014 में जम्‍मू-कश्‍मीर में आई बाढ़ में भी मार्कोस (MARCOS Commandos) ही थे जिन्‍होंने कई लोगों को जिदंगी दी।

मार्कोस (MARCOS Commandos), इंडियन नेवी की एक स्‍पेशल ऑपरेशन यूनिट है। इसका मकसद कांउटर टेररिज्‍म, डायरेक्‍टर एक्‍शन, किसी जगह का खास निरीक्षण, अनकंवेंशनल वॉरफेयर, होस्‍टेज रेस्‍क्‍यू, पर्सनल रिकवरी और इस तरह के खास ऑपरेशनों को पूरा करना है। ये नेवी के स्पेशलाइज्ड मरीन कमांडोज हैं।

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मार्कोस (MARCOS Commandos), उत्‍तराखंड की पहाड़‍ियां हो या जम्‍मू कश्‍मीर की झेलम और चेनाब जैसी गहरी नदियां या फिर मुंबई का गहरा समुद्र, हर जगह गोते लगाकर लोगों की जान बचाने का माद्दा रखते हैं। मार्कोस कमांडोज को पहले मरीन कमांडो फोर्स यानी एमसीएफ के नाम से भी जाना जाता था। 14 फरवरी, 1987 को मार्कोस का गठन किया गया था। मार्कोस का मोटो है- ‘द फ्यू द फियरलेस’।

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