गढ़चिरौली: नक्सल प्रभावित इलाके में CRPF के जवान कर रहे सैनिटाइजेशन, मास्क सिल बचा रहे कई जिंदगानियां

देश की सेना को यूं ही संकट मोचन नहीं कहा जाता। मुसीबत की घड़ी में सुरक्षा बल जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करते हैं। जम्मू-कश्मीर जैसे आतंक प्रभावित इलाके में सेना लोगों को किस कदर मदद पहुंचा रही है इसकी कई तस्वीरें अब तक सामने आ चुकी हैं।

CRPF

गढ़चिरौली में CRPF के जवान खुद मास्क बनाने में जुटे हैं।

देश की सेना को यूं ही संकट मोचन नहीं कहा जाता। मुसीबत की घड़ी में सुरक्षा बल जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करते हैं। अभी देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण का खौफ है। इस बीच यह जानना बेहद जरुरी है कि नक्सलियों (Naxalites) के गढ़ में हमारी सेना किस तरह घुस कर इस नाजुक हालात में काम कर रही है आम लोगों की जिंदगी बचा रही है।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) जैसे आतंक प्रभावित इलाके में सेना लोगों को किस कदर मदद पहुंचा रही है इसकी कई तस्वीरें अब तक सामने आ चुकी हैं। बात हम कर रहे हैं महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की। गढ़चिरौली की जनता ने नक्सलियों का जुल्म झेला है। इस वक्त केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान यहां के लोगों के लिए जीवन रक्षक बने हुए हैं।

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बनियान से बना रहे मास्क: कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण को कम करने और मास्क की कमी दूर करने के लिए यहां सीआरपीएफ के जवान खुद मास्क बनाने में जुटे हैं। करीब 2500 से ज्यादा मास्क बनाकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों ने गढ़चिरौली की जनता को मुहैया कराया है। खास बात यह है कि मास्क की कमी को दूर करने के लिए यहां के लोगों को सीआरपीएफ (CRPF) के जवान बनियान के कपड़े से मास्क बना कर सप्लाई कर रहे हैं।

खुद उठाया सैनिटाइज का जिम्मा: सीआरपीएफ (CRPF) की जो यूनिट यहां तैनात है उसने खुद सैनिटाइजेनश का जिम्मा अपने कंधों पर ले रखा है। ये जवान नियमित तौर से धार्मिक जगह, अस्पताल औऱ सार्वजनिक जगहों को खुद ही सैनिटाइज कर रहे हैं। सीआरपीएफ (CRPF) की 191वीं बटालियन पिछले 15 दिनों से अपने दिन की शुरुआत अस्पतालों में सेनीटाइजर स्प्रे कर करती है।

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जिसके तहत ग्रामीण अस्पताल देसाईगंज तहसील में सुबह-सुबह सैनिटाइजर का छिड़काव होता है। जवानों की टीम ने सरकारी अस्पताल के हर संवेदनशील स्पॉट की पहचान कर लेती हैं और नियमित यहां केमिकल स्प्रे किया जाता है जिससे इंफेक्शन का खतरा पूरी तरीके से से खत्म हो।

इन सभी व्यवस्थाओं के अलावा यह जवान इस बात का भी ख्याल रखते हैं कि लॉकडाउन (Lock Down) में इलाके के लोगों को राशन-पानी या इत्यादि की समस्याएं ना आएं। सबसे बड़ी बात यह कि आम जिंदगी बचाने के लिए इतनी सारी व्यवस्थाओं के अलाव यह जवान यहां नक्सलियों (Naxals) से भी लोगों की रक्षा कर रहे हैं। जाहिर है कोरोना और नक्सलियों से एक साथ जंग लड़ रहे इन जवानों की बहादुरी लाजवाब है।

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