
गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों ने पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) सप्ताह से पहले 28 नवंबर की सुबह पेड़ गिराकर एक मार्ग को बंद कर दिया।
महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों ने पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) सप्ताह से पहले 28 नवंबर की सुबह पेड़ गिराकर एक मार्ग को बंद कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारी के अनुसार, 2 से 8 दिसबंर के बीच नक्सली अपना पीएलजीए (PLGA) सप्ताह मनाने वाले हैं। इसके लिए यहां से 170 किलोमीटर दूर जिले के बंद किए गए अल्लापल्ली-भामरागढ़ मार्ग पर नक्सलियों के बैनर और पर्चे मिले। जिसमें उन्होंने लोगों से पीएलजीए (PLGA) सप्ताह में शामिल होने के लिए कहा गया है।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “सड़क अरेन्धा गेट के निकट परमिली से दो किलोमीटर दूर स्थित है। नक्सलियों ने मार्ग पर पेड़ गिराकर उसे बंद कर दिया।” नक्सली अपने दिवंगत नेताओं और कार्यकर्ताओं की याद में साल 2000 से हर साल पीएलजीए (PLGA) सप्ताह मनाते हैं। वे इस अवधि के दौरान बैठकें और सभाएं आयोजित करते हैं। इलके जरिए वे अपने विचार का प्रचार कर लोगों को गुमराह करने में जुट जाते हैं। इसके अलावा इस पीएलजीए (PLGA) में वे नए सदस्यों की भर्ती भी करते हैं। साथ ही नक्सली अहने अभियानों की समीक्षा भी करते हैं और सुरक्षा बलों पर हमले की योजना भी बनाई जाती है। हालांकि, इसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन चौकन्नी है। नक्सलियों पर लगाम कसने के लिए सुरक्षाबलों ने पूरी तैयारी कर रखी है।
इसके अलावा नक्सलवाद पर काबू पाने के लिए सरकार और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है। इसका परिणाम है कि नक्सलियों का आत्मसमर्पण भी लगातार हो रहा है। नक्सलवाद के खिलाफ प्रशासन को लगातार सफलता मिल रही है। सरकार की नीतियां भी अपना असर दिखा रही हैं। इसी का नतीजा है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 5 महिलाओं समेत कुल 6 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, इन नक्सलियों पर कुल 31,50,000 रूपए का इनाम था। बता दें कि देशभर के नक्सल प्रभावित राज्यों में सरकार और प्रशासन नक्सलवाद के खात्मे के लिए संकल्पित है। झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश, तेलंगाला जैसे कई और राज्य हैं जो सालों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं।
इस साल के शुरूआत में ही केंद्र सरकार ने नक्सलवाद पर अपना रवैया साफ कर दिया था। गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और आला अफसरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक किया था। इस बैठक में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई थी। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर नक्सलवाद से दो-दो हाथ करने के लिए रणनीति बनाई है। नक्सलियों की धर-पकड़ और एनकाउंटर तो जारी है ही, साथ ही प्रशासन की पूरी कोशिश रहती है कि ये नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं।
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