मध्य प्रदेश के बालाघाट में हुये नक्सली घटना ने नए एक बार फिर स्थानीय जनता के दिलों में डर पैदा कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में पैठ जमाने के लिए नक्सली (Naxalites) एक के बाद एक हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। नक्सली गांव की भोली-भाली जनता को डराने, दहशत फैलाने और पुलिस की मूवमेंट बताने के इरादे से एक बार फिर सक्रिय हो गये हैं।
Madhya Pradesh: बालाघाट में नक्सलियों की कायराना हरकत, ग्रामीण की गोली मारकर की हत्या
महीने भर पहले आठ दिनों के अंतराल में दो बार तेंदूपत्ता फड में आग लगाने के बाद 29 जून, मंगलवार रात पुलिस मुखबिरी के शक पर 42 वर्षीय भागचंद अड़मे की हत्या कर दी गई। भागचंद रुपझर थाना क्षेत्र के बमनी गांव के रहने वाले थे। इस घटना के बाद से पूरे गांव में डर व दहशत का माहौल है। इस घटना की चश्मदीद रही मृतक भागचंद की पत्नी तो ठीक से अपने दर्द को ब्यां भी नहीं कर पा रही हैं। फिर भी उन्होंने जो बताया हो रोंगटे खड़े कर देने वाला है।
मृतक भागचंद की पत्नी हेमलता के मुताबिक, रात करीब 9 बजे उनका पूरा परिवार बैठ कर खाना खा रहा था। उसी समय एक दर्जन हथियारबंद नक्सलियों (Naxalites) ने दरवाजा खटखटाया। उनमें तीन महिला नक्सली भी मौजूद थीं। जैसे ही घर का दरवाजा खोला गया, तभी तीन नक्सली जबरन घर में घुस गये और बाकी नक्सली आँगन में खड़े हो गये। घर में घुसे तीनों नक्सलियों ने भागचंद का हाथ पकड़ कर आँगन में ले आये। फिर उनके दोनों हाथों को पीछे करके कपड़े से बाँध दिया।
पति के साथ अचानक हुई इस घटना से परेशान हेमलता ने हिम्मत दिखाते हुये नक्सलियों (Naxalites) से पूछा भी कि इन्हें कहां और क्यों ले जा रहे हो? तो उन्होंने सिर्फ इतना जवाब दिया कि जल्द ही मेरा पति घर आ जायेगा। लेकिन जब 11 बजे तक भागचंद नहीं लौटा तो ग्रामीणों की मदद से उसकी छानबीन शुरू की गई।
मृतक की पत्नी हेमलता के अनुसार, ग्रामीणों के साथ मिलकर काफी देर ढूंढने के बाद घर से करीब 4 किमी दूर हर्रानाला के पास आम के पेड़ के नीचे खून से लथपथ एक लाश होने की सूचना मिली। जिसकी आंखों पर कपड़ा बंधा था। जब वह उस पेड़ के पास पहुंची तो लाश के पास पुलिस की मुखबिरी करने पर हत्या करने की बात लिखी थी।
हालांकि मृतक भागचंद खेती-किसानी का काम करने के साथ ऑटो भी चलाते थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी बालाघाट पीजी कॉलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है, जबकि मंझली बेटी 11वीं और छोटा बेटा 9वीं का छात्र है। भागचंद के परिजनों ने पुलिस पर घटनास्थल पर घंटों लेट पहुंचने का आरोप भी लगाया है।
हेमलता के अनुसार, उनका पति बेकसूर था। ऐसे में नक्सलियों (Naxalites) से उन्हें और उनके बच्चों को भी जान का खतरा हो सकता है। मृतक की पत्नी ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है। जिसे ध्यान में रखते हुये एसपी अभिषेक तिवारी ने मृतक के परिवार की सुरक्षा को लेकर संबंधित चौकी को गांव में समय-समय पर पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए हैं।
हेमलता के अनुसार, हमारा परिवार खुशी-खुशी जीवन जी रहा था। लेकिन कुछ पलों में पूरा परिवार बिखर गया। पति पर मुखबिरी का झूठा आरोप लगाकर नक्सलियों ने दर्दनाक मौत दे दी। अब उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा? क्योंकि मृतक ही परिवार का गुजर-बसर करता था।
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