
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सियासी घमासान जारी है। कोर्ट के आदेश के तहत 20 मार्च शाम 5 बजे मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराया जाना था। फ्लोर टेस्ट में विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाता है, इसके बाद सदन में फ्लोर टेस्ट कराया जाता है।

अगर सीएम बहुमत साबित करने में सफल हो जाते हैं तो सरकार बनी रहती हैं, अगर नहीं साबित कर पाते हैं तो सरकार गिर जाती है। कई बार जब सरकारें देखती हैं कि उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं हैं तो फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे देती हैं। ऐसा कर्नाटक में भी हुआ था जब विधानसभा चुनाव के बाद फ्लोर टेस्ट से पहले ही येदियुरप्पा ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।
Corona Live update: कोरोना के खिलाफ ऐलान-ए-जंग, इन बातों का करें पालन
बता दें कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा में 230 सीटें हैं। विधायकों के निधन के दो सीटें खाली हैं। वहीं 6 विधायकों के इस्तीफे हो चुके हैं। लिहाजा, मध्य प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में कुल 222 सीटें हैं। बहुमत के लिए 112 सीटें चाहिए। वहीं, वर्तमान में कांग्रेस के पास 108 तो बीजेपी के पास 107 सीटें हैं। वहीं, 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सीट सपा के पास है।
इस बीच कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उसके बाद उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को इस्तीफा सौंप दिया और कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही सिर्फ 15 महीने में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई।
पढ़ें दिल्ली गैंग रेप पीड़िता के माता-पिता ने क्या अपील की
कमलनाथ ने कहा कि 15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि हम प्रदेश को नई दिशा दें, प्रदेश की तस्वीर बदलें। मेरा क्या कसूर था? इन 15 महीनों में मेरी क्या गलती थी? कमलनाथ ने कहा, बीजेपी के 15 साल और मेरे 15 महीने, बीजेपी मेरी सरकार को गिराने के लिए पिछले 15 महीनों से साजिश रच रही थी।
कमलनाथ ने कहा कि राज्य की जनता ने मुझे पांच साल के लिए समर्थन दिया था, बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ 21 मार्च को दिल्ली आएंगे। यहां कमलनाथ सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App