Madhya Pradesh: बारिश के दिनों में सेफ जोन में डेरा डालते हैं नक्सली, करते हैं ग्रामीणों में पैठ जमाने की कोशिश

बारिश के दिनों में नक्सली गतिविधियां (Naxal Activites) होती रहती हैं, पर उनका मूवमेंट कम होता है। घने जंगलों वाले इलाके ही नक्सलियों (Naxalites) के सेफ जोन हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

नक्सली (Naxalites) समाजसेवा के नाम पर स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं। इस दौरान नक्सली कैंप लगाकर दलम में शामिल सदस्यों को तैयार करते हैं।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कान्हा नेशनल पार्क नक्सलियों (Naxalites) के लिए सेफ जोन बनते जा रहा है। पहले दक्षिण बैहर और लांजी क्षेत्र का सघन वन बारिश के दिनों में सेफ जोन रहता था। नक्सलियों की बढ़ती हलचल को देखते हुए कान्हा नेशनल पार्क में सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।

दरअसल, बारिश के दिनों में नक्सली गतिविधियां (Naxal Activites) होती रहती हैं, पर उनका मूवमेंट कम होता है। घने जंगलों वाले इलाके ही नक्सलियों (Naxalites) के सेफ जोन हैं। मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अमरकंटक के बीच नक्सलियों के सुरक्षित कॉरिडोर के बीच कई नदियां भी हैं। बारिश शुरू होते ही नक्सली इन जंगलों में डेरा डाल लेते हैं और बरसात के दिनों में वहीं पर रहते हैं।

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नक्सली (Naxalites) समाजसेवा के नाम पर स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं। इस दौरान नक्सली कैम्प लगाकर दलम में शामिल सदस्यों को तैयार करते हैं। अपनी विचारधाराओं का विस्तार करने, ग्रामीणों में पैठ जमाने सहित नक्सली गांव-गांव में बैठकें भी करते हैं।

वे मासूम गांववालों के बीच अपनी विचारधारा का प्रचार करते हैं और उन्हें बरगलाते हैं। नक्सली खासकर उन इलाकों को टारगेट करते हैं, जहां घना जंगल हो और आवागमन के लिए समान सड़कें न हो ताकि वे सुरक्षाबलों की पहुंच से दूर रह सकें।

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जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में बालाघाट जिले के आदिवासी अंचल बिठली, सोनगुड्डा, डाबरी, पित्तकोना, चिलौरा, चौरिया, हर्राडीह, खमारडीह, चिलकोना, राशिमेटा, दड़कसा, कोद्दापार, कोरका, बोंदारी, अडोरी, नवी, जगला, देवरबेली सहित कान्हा नेशनल पार्क के गढ़ी क्षेत्र में नक्सलियों की सक्रियता बनी हुई है।

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वहीं, बालाघाट जिले में मलाजखंड दलम, टांडा दलम, दर्रेकसा दलम सहित अन्य दलम के नक्सली सक्रिय हैं। बीते कुछ समय में नक्सलियों का सफाया करने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलताएं मिल चुकी है। कान्हा नेशनल पार्क के रास्ते मप्र में नक्सलियों के बढ़ते कदम को रोकने के लिए पुलिस हर तरह से तैयार है।

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