पैंगोंग लेक इलाके में पीछे हटा चीन, नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने बताई वजह

LAC के पास पैंगोंग लेक इलाके के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से सेनाओं के हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सेना के सूत्रों ने 17 फरवरी देर शाम इस बात की पुष्टि की। हालांकि, दोनों पक्षों की तरफ से अब सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, जो अगले दो दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी।

Lt General YK Joshi

फाइल फोटो।

नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी (Lt General YK Joshi) ने कहा कि भारत ने अपने किसी भी क्षेत्र को नहीं गंवाया है। पैंगोंग त्सो में सेना की वापसी भारत के लिए एक जीत है।

LAC के पास पैंगोंग त्सो इलाके के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से सेनाओं के हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सेना के सूत्रों ने 17 फरवरी देर शाम इस बात की पुष्टि की। हालांकि, दोनों पक्षों की तरफ से अब सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, जो अगले दो दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी। सेना के सूत्रों ने कहा कि झील के उत्तरी एवं दक्षिणी हिस्से से सेनाएं अब पूरी तरह से पीछे हट चुकी हैं। चीन ने पैंगोंग त्सो के टकराव वाले क्षेत्र से अपने बंकरों को तोड़ दिया है। तंबू उखाड़ दिए हैं और अपनी तोपों को भी हटा दिया है।

चीनी सेना फिंगर-8 की तरफ पहुंच चुकी हैं जबकि भारतीय सेना फिंगर-3 तक हट चुकी। विगत 10 फरवरी से सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सेना ने सप्ताह के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद जताई थी। इससे पूर्व 17 फरवरी को मैक्स टेक्नोलॉजी की तरफ से जारी उपग्रह चित्रों में भी पेंगोंग लेक के उत्तरी इलाका पूरी तरह से खाली दिख रहा है। यह चित्र 16 फरवरी को लिए गए थे।

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16 फरवरी को फिंगर पांच तक चीनी सेना हट चुकी थी। बहरहाल, 17 फरवरी को पैंगोंग से सेनाओं की पूरी तरह से वापसी हो गई है। वहां अब सेनाएं करीब-करीब मई से पूर्व की स्थिति में आ चुकी हैं। दोनों देशों की तरफ से ड्रोन एवं उपग्रहों के जरिये सेनाओं के पीछे हटने की पुष्टि भी की जा चुकी है।

भारतीय सेना ने 16 फरवरी को कुछ वीडियो और तस्वीरें जारी कर बताया था कि चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कुछ स्ट्रक्चर को समतल करने के लिए बुलडोजर का उपयोग करते हुए दिखाया है। साथ ही इसमें चीन के सैनिकों को उपकरण, वाहनों के साथ पीछे हटने की तैयारी करते दिखाया गया है।

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इस संबंध में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी (Lt General YK Joshi) ने कहा कि भारत ने अपने किसी भी क्षेत्र को नहीं गंवाया है। पैंगोंग त्सो में सेना की वापसी भारत के लिए एक जीत है। दरअसल, पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिण और उत्तरी तट पर भारत की कार्रवाइयों ने चीनी सेना को हैरान कर दिया था।

भारत कई जगहों पर चीन से मजबूत स्थिति में था, इसलिए चीनी सेना ने जान लिया कि भारत अपनी मांगों से पीछे हटने वाला नहीं है और पूर्व की स्थिति को बहाल करना ही पड़ेगा। अहम चोटियों पर भारतीय सेना का कब्जा करना, एक टर्निंग प्वॉइंट था। लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि चीनी सेना को यह संदेश मिला कि वे बल के प्रयोग द्वारा LAC की स्थिति को एकतरफा नहीं बदल सकते।

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भारत अपने क्षेत्र की मजबूती से हिफाजत करेगा। उन्होंने बताया कि 29-30 अगस्त की दरमियानी रात को रेजांग ला और रेचिन ला पर हमारे सैनिकों ने कब्जा कर लिया। इससे भारतीय सेना दबदबे के पोजिशन पर आ गई। जब अगले दौर की बातचीत हुई तो भारत का पलड़ा भारी था।

लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी (Lt General YK Joshi) ने कहा, “पैंगोंग झील के पास सैनिकों के हटने की प्रक्रिया बिना किसी परेशानी के आराम से चल रही है। हमने 10 फरवरी को यह कार्रवाई शुरू की थी और हमने यह फैसला किया था कि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में वेरिफिकेशन और लगातार मॉनिटरिंग की बात है। इसके बाद दूसरा चरण आता है।”

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जनरल जोशी (Lt General YK Joshi) ने कहा कि हर दिन इस प्रक्रिया को सलीके से शुरू किया जाता है, जहां हम सबसे पहले सुबह में एक फ्लैग मीटिंग करते हैं, जहां इस बारे में निर्णय किया जाता है कि उस विशेष दिन में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया को कैसे अंजाम दिया जाएगा। इसके बाद उसी फैसले के आधार पर कार्रवाई शुरू की जाती है।

उन्होंने बताया, “दिनभर की कार्रवाई खत्म होने के बाद शाम में दोनों पक्षों के बीच हॉटलाइन पर बातचीत होती है। इस बात की पुष्टि की जाती है कि दोनों ओर से उस विशेष दिन की कार्रवाई पूरी कर दी गई है और अगर कोई परेशानी आती है, तो फिर उसे फ्लैग मीटिंग के स्तर पर सुलझाया जाता है और उसके बाद फिर कार्रवाई शुरू हो जाती है।”

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पैंगोग झील के पास से पीछे हटने को लेकर चीन की मंशा पर लेफ्टिनेंट जोशी ने कहा वे भी इस प्रक्रिया में अपनी पूरी गंभीरता दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तय योजना के आधार पर हमने 10 फरवरी से यह प्रक्रिया आरंभ की है और चीन की तरफ से काफी तेज कार्रवाई की जा रही है।

ग्राउंड जीरो पर हालात के बारे में कहा, “जैसा कि मैंने पहले ही बताया है यह पूरी प्रक्रिया चार चरणों में होनी है. पहले चरण में हथियारों और मशीनी ताकतों को वहां से हटाना है, जो कि पहले दिन से लेकर अब तक आराम से चल रहा है। सैटेलाइट्स और यूएवी की मदद से हम पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहे हैं। हमारे पास निगरानी स्थल हैं। हमने कैमरा भी लगा रखा है, ताकि एक-दूसरे की गतिविधियों को देख सकें।”

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आगे उन्होंने (Lt General YK Joshi) कहा, “इस पूरी व्यवस्था की वजह से हर अगले दिन हम 200 से अधिक गाड़ियों को जाते हुए देखते है, जो कि वेस्टर्न हाइवे के करीब पहुंच चुके थे। तो इस तेजी के साथ चीन अपने सैनिकों को पीछे कर रहा है। दूसरे और तीसरे चरण की प्रक्रिया झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर होनी है और चौथा चरण जो कि सैनिकों के पीछे हटने की आखिरी प्रक्रिया होगी, को कैलाश शृंखला के रेजांग ला और रेचीन ला पर होना है। इस तरह से डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है और अब तक यह काफी आराम से चल रहा है।”

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