कोरोना के कारण छात्रों-अभिभावकों की परेशानी हुई कम, घर बैठे डिजिटल प्लेटफॉर्म से होगी पढ़ाई

देश में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपनी डिजिटल शिक्षा पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है

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वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस (Coronavirus) ने देश में आनलाइन शिक्षण वेबसाइटों व पोर्टल की मांग बढ़ा दी है। न केवल मानव संसाधन विकास मंत्रालय के डि़जिटल पोर्टल स्वयं के माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्र–छात्राओं की संख्या एक सप्ताह में जहां तीन गुना हो गई है वहीं निजी कंपनियों की ओर से चलाए जा रहे आनलाइन एजुकेशन पोर्टल में भी अभिभावक व छात्र–छात्राएं विशेष रूचि ले रहे हैं। छात्र–छात्राओं के सामने उत्पन्न समस्या को देखते हुए कुछ संस्थाओं ने भी पहल कर अभिभावकों की समस्या कम करने की कोशिश शुरू की है।

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देश में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए शुरू हुए लॉकडाउन (Lockdown) से पहले ही कई राज्य सरकारों ने स्कूलों में छुटटी कर दी थी‚ लॉकडाउन (Lockdown) के बाद तो पूरे देश में सभी स्कूल–कालेज 14 अप्रैल तक पूरी तरह बंद हो गए हैं।

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कई राज्यों में तो स्कूलों में अभी तक परीक्षाएं भी नहीं हुई हैं। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों की शिक्षा का ड़र सता रहा है और वह अपने बच्चों का अध्ययन जारी रखने के लिए अब डिजिटल एजुकेशनल प्लेटफार्मों की ओर बढ़ा रहे हैं।

अनेक ऐसी कंपनियां हैं जो वेबसाइट व पोर्टल के माध्यम से आनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराती हैं। सरकारी स्तर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से भी कई आनलाइन एजुकेशन पोर्टल चलाए जा रहे हैं जिनमें स्वयं पोर्टल प्रमुख है। स्वयं पोर्टल में प्रत्येक वर्ग के छात्र–छात्राओं के लिए प्रत्येक विषय से संबधित शिक्षण सामग्री का अथाह भंड़ार मौजूद है।

देश में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपनी डिजिटल शिक्षा पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि इस लॉकडाउन अवधि के दौरान छात्र अपने घर बैठे अपना अध्ययन जारी रख सकें। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखिरयाल ‘निशंक’ ने छात्रों से इन शिक्षण प्लेटफार्मों का लाभ उठाने और अपना बहुमूल्य समय अध्ययन में उपयोग करने की लगातार अपील कर रहे हैं।

अभिभावकों के सामने भी अपने बच्चों को व्यस्त रखने के लिए अब डिजिटल प्लेटफार्म का ही सहारा है। यही कारण है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल स्वयं के माध्यम से अध्ययन करने वालों व शिक्षा ग्रहण करने वालों की संख्या तीन गुना तक बढ़ा गई है।

अभी तक स्वयं के माध्यम से शिक्षा हासिल करने के लिए छात्र–छात्राओं को पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक था‚ लेकिन अब पंजीकरण की अनिवार्यता को भी बंद कर दिया गया है। निजी कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे आनलाइन एजुकेशन पोर्टल में जहां शिक्षण सामग्री के लिए अभिभावकों को भुगतान करना पड़ता है‚ वहीं स्वयं पूरी तरह निःशुल्क है।

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p style=”text-align: justify;”>एफोर्डे़बल स्कूल एसोसिएशन ने छात्रों को घर बैठे ही असाइनमेंट उपलब्ध कराने के लिए एजुकेशन रिवोलुशन नाम से एक पोर्टल की शुरुआत की है‚ ताकि बच्चों का शिक्षण घर पर ही जारी रहे। एनसीईआरटी के शिक्षा पोर्टल दीक्षा‚ ई–पाठशाला‚ एनआनओईआर और एनआईओएस और अन्य आईसीटी पहल जैसे रोबोटिक्स शिक्षा (ई–यन्त्र)‚ शिक्षा के लिए ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (एफओएसएसईई) और लर्निंग प्रोग्रामिंग (स्पोकन ट्यूटोरियल) आदि में भी अभिभावक काफी रूचि लेते दिखाई दे रहे हैं।

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