चीन की नई चालबाजी, लिपुलेख में मिसाइल तैनाती के लिए बना रहा साइट

चीन (China) ने एक बार फिर नेपाल के साथ मिलकर भारत के खिलाफ अपनी चालबाजी दिखाई है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लिपुलेख (Lipulekh) में चीन ने मिसाइल तैनात करने के लिए साइट का निर्माण शुरू कर दिया है।

Lipulekh

चीन (China) ने एक बार फिर नेपाल के साथ मिलकर भारत के खिलाफ अपनी चालबाजी दिखाई है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लिपुलेख (Lipulekh) में चीन ने मिसाइल तैनात करने के लिए साइट का निर्माण शुरू कर दिया है। सामने आईं सैटलाइट तस्वीरों से इस दावे को बल भी मिल रहा है।

मिसाइल तैनात करने की तैयारी ओपन सोर्स इंटेलीजेंस detresfa ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं जिनमें दिख रहा है कि लिपुलेख पास (Lipulekh Pass) में ट्राई- जंक्शन एरिया में चीन ने न सिर्फ सैन्य तैनाती की है बल्कि मिसाइल के ठिकानों के निर्माण कार्य की तैयारी भी कर रहा है। detresfa के मुताबिक इस इलाके में 100 किमी की GEOINT स्कैनिंग से पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की ऐक्टिविटी का पता चला है।

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यहां सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के लिए साइट का निर्माण मानसरोवर झील के पास किया जा रहा है। पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीनी सेना यहां सैन्य तैनाती कर रही है। यहां मई 2020 से इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिहायश के लिए तैयारी की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, चीन ने लिपुलेख में अपनी सेना तैनात की है। उसने सैनिकों की एक बटालियन मतलब करीब 1 हजार से ज्यादा जवान लिपुलेख के पास तैनात कर दिए हैं। लिपुलेख इलाका भारत, नेपाल और चीन की सीमाओं को मिलानेवाली जगह है जो पिछले दिनों से काफी चर्चा में है।

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लिपुलेख (Lipulekh) वही इलाका है जिसे लेकर भारत और नेपाल के बीच विवाद है। लिपुलेख पास से भारत ने मानसरोवर यात्रा के लिए नया रूट बनाया है। यह पिछले दिनों तब चर्चा में आया था जब नेपाल ने यहां भारत की बनाई 80 किलोमीटर की सड़क पर एतराज जताया था। फिर नेपाल ने अपने यहां नया नक्शा पास कर विवाद बढ़ा दिया था। इस नए नक्शे में कालापानी, जिसमें लिपुलेख (Lipulekh) भी शामिल था उसे अपना हिस्सा बताया था। 

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उधर, दूसरी ओर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पैंगॉन्ग सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके में फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने शुरू कर दिए हैं। इससे पहले इस इलाके में पावर लाइन्स भी देखी गई थीं। इसकी वजह से इंसानी और मानवरहित, दोनों ऑपरेशन्स पर काफी असर पड़ सकता है। PLA की लद्दाख और अक्साई चिन क्षेत्र में मौजूदगी काफी कम हो गई है लेकिन लद्दाख में 1,597 किमी सीमा पर उसकी सेना मौजूद है और हटती हुई नहीं दिख रही है।

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