लाला अमरनाथ पुण्यतिथि विशेष: पहले भारतीय क्रिकेटर जिन्होंने टेस्ट मैच में शतक लगाया

लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) ने कुल 24 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 878 रन बनाए जिनका औसत 24.38 रहा। उन्होंने अपने पहले मैच में शतक भी लगाया था जो उनके रनों का सर्वाधिक स्कोर रहा।

Lala Amarnath लाला अमरनाथ

Remembering Cricket legend Lala Amarnath on his Birth Anniversary

लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) ऐसे प्रथम भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने टेस्ट मैच में शतक लगाया था, वह भी अपने पहले मैच में। स्वतंत्र भारत के वह पहले टेस्ट कप्तान बने। लाला अमरनाथ का जन्म 11 सितम्बर 1911 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उनका पूरा नाम ‘नानिक अमरनाथ भारद्वाज’ था, लेकिन वो लाला अमरनाथ नाम से ही लोकप्रिय रहे। इनके दोनों बेटे सुरिन्दर अमरनाथ और मोहिन्दर अमरनाथ भी भारत के प्रसिद्ध क्रिकेटर रहे हैं।

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लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) की कप्तानी में भारत ने अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती थी। यह सीरीज 1952 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेली गई थी। लाला अमरनाथ ने गुजरात, हिन्दू, महाराजा पटियाला, रेलवे, उत्तर प्रदेश तथा भारतीय टीमों के लिए क्रिकेट खेला।

लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) क्रिकेट के परिदृश्य में चर्चा में तब आए जब उन्होंने 1933 में बम्बई जिमखाना में खेलते हुए इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट मैच में शानदार शतक लगाया। यह उनका पहला टेस्ट मैच था। किसी भारतीय द्वारा टैस्ट शतक लगाए जाने पर उन्होंने भारतीय खिलाड़ी की नई आक्रामक झलक प्रस्तुत की, जो कि अपारंपरिक थी। उस वक्त जब भारत के 21 पर दो खिलाड़ी आउट हो चुके थे, तब लाला अमरनाथ ने स्थिति को न सिर्फ संभाला, बल्कि टीम को अच्छी स्थिति में ले गए और 117 मिनट में 100 रन बना डाले। लाला अमरनाथ पूरी तरह से स्वतंत्र और स्पष्टवादी व्यक्तित्व के मालिक रहे। वह अचानक और तेजी से बनाए जाने वाले रनों के लिए प्रसिद्ध रहे। 1936 में उनकी इसी स्पष्टवादिता और खुलकर बोलने के कारण उन्हें इंग्लैंड के दौरे से वापस भेज दिया गया क्योंकि उस वक़्त के कप्तान के विरुद्ध उन्होंने कुछ कह डाला था।

द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) के खेलने के सबसे महत्त्वपूर्ण साल बेकार चले गए। वैसे विश्वयुद्ध के कारण अन्य क्रिकेटरों के भी दो साल खराब हुए थे। लाला अमरनाथ का चौथा टेस्ट उनके पहले टेस्ट से 13 साल के अंतराल पर रहा जो 1946 में इंग्लैंड में था।

भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे लाला अमरनाथ (Lala Amarnath)

स्वतंत्र भारत में वह भारतीय टीम के प्रथम कप्तान बने। 1947 में उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच खेले गए। इसके बाद लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) ने विश्व की प्रथम दर्जे की टीमों के साथ खेलते हुए कुछ बेहतरीन शॉट्स लगाते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। 1951-52 में इंग्लैंड के विरुद्ध खेलते हुए लाला अमरनाथ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। इसलिए अच्छी फॉर्म में न होने के कारण उन्हें कप्तानी से हाथ धोना पड़ा। 1952-53 में उन्हें पाकिस्तान के विरुद्ध सीरीज खेलने के लिए दोबारा कप्तान बनाया गया और भारत सीरीज़ जीत गया।

लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) ने कुल 24 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 878 रन बनाए जिनका औसत 24.38 रहा। उन्होंने अपने पहले मैच में शतक भी लगाया था जो उनके रनों का सर्वाधिक स्कोर रहा।

लालाजी (Lala Amarnath) की पाकिस्तान में सबसे ज्यादा थी। 1977-78 में पाकिस्तान दौरे पर पाकिस्तान बोर्ड के स्वागत समारोह में दोनों टीमों के सदस्यों के बजाय सबका ध्यान लालाजी पर था। यही नहीं, तत्कालीन पाकिस्तानी शासक जनरल जिया-उल-हक ने अपना स्वागत भाषण आरंभ करने के लिए लालाजी की अनुमति चाही। बस फिर क्या था, लालाजी फूले नहीं समाए और बोल पड़े, ‘परमिशन ग्रांटेड जनरल साहब, आपको इजाजत दी जाती है।’ यह सुनकर ठहाकों का ठिकाना न रहा।

अमरनाथ (Lala Amarnath) एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे— कोच, मैनेजर, सिलेक्शन कमिटीके अध्यक्ष और कमेंट्री बॉक्स में एक्सपर्ट। उनकी विशेषता यह थी कि जहां भी वे थे, सिक्का वहां सिर्फ उनका ही चलता था। अमरनाथ को पाकिस्तानी खिलाडियों की खेल-बारीकियों तथा वहां के वातावरण की भरपूर जानकारी थी। इसलिए उन्हें 1955-56 में पाकिस्तान जाने वाली पहली भारतीय टीम का मैनेजर नियुक्त किया गया। सीमा पार उनकी अपनी ही मान्यता थी।

ढाका में पहला टेस्ट खेला गया और वहां भारतीय टीम के खान पान का प्रबंध अति उत्तम था। पाकिस्तानी बोर्ड द्वारा दोनों टीमों के सम्मान में आयोजित रात्रि-भोज में अमरनाथ (Lala Amarnath) ने अपना भाषण इस अंदाज में आरंभ किया…

मेरे खिलाडियों को जिस तरह से खिलाया-पिलाया जा रहा है, मुझे डर है कि दौरा खत्म होने तक वे क्रिकेट खिलाड़ी के बजाय पहलवान न बन जाएं।’

5 अगस्त, 2000 को 88 साल की उम्र में लालाजी (Lala Amarnath) ने हमेशा के लिए अपनी आंखें मूंद लीं। दिवंगत आत्मा को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम श्री के. आर . नारायणन ने कहा, लाला अमरनाथ क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने तथा भारतीय टीम को गरिमा दिलाने के लिए लोगों द्वारा लंबे समय तक स्मरण किए जाएंगे।” तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा, अमरनाथ एक प्रतिभा थे, जो क्रिकेट खिलाड़ियों की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।” लाला के परिवार के लिए संवेदना व्यक्त करते हुए उनके समकालीन महान् डॉन ब्रैडमैन ने कहा, “मैंने उनमें एक आकर्षण तथा खेल के एक आश्चर्यजनक राजदूत का रूप अनुभव किया था। लाला ने भारतीय क्रिकेट को महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।”

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