Lakshadweep: क्यों मचा है लक्षद्वीप में सियासी बवाल? इन 10 प्वाइंट्स में समझें पूरा मामला

केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (Lakshadweep) पर बीते कुछ दिनों से काफी विवाद चल रहा है। लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है।

Lakshadweep

Lakshadweep

लक्षद्वीप (Lakshadweep) के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel) को हटाने की मांग हो रही है और #SaveLakshadweep हैशटैग वाले पोस्ट से सोशल मीडिया भरा पड़ा है।

केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (Lakshadweep) पर बीते कुछ दिनों से काफी विवाद चल रहा है। लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है। भारत के मालदीव के तौर पर विख्यात लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड हैं। लक्षद्वीप को अपने सुंदर, मनोहारी समुद्री तटों और हरे भरे प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है। 

अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाने वाला लक्षद्वीप इस समय एक राजनीतिक विवाद को लेकर चर्चा में है। केंद्र शासित प्रदेश (Lakshadweep) के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel) को हटाने की मांग हो रही है और #SaveLakshadweep हैशटैग वाले पोस्ट से सोशल मीडिया भरा पड़ा है। स्थानीय स्तर पर भी राजनीतिक लोगों से आम जनता भी प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है।

Coronavirus Vaccine: जानें कब तक आएगी Pfizer और Sputnik V, सरकार ने दी ये जानकारी

दरअसल, प्रफुल्ल खोड़ा पटेल पर भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश में सामाजिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाया जा रहा है। लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल द्वारा मसौदा नियमों के रूप में पेश किए गए प्रशासनिक उपायों के खिलाफ लक्षद्वीप द्वीपसमूह में विरोध बढ़ रहा है। यहां विकास के एजेंडे को लेकर लाए जा रहे सुधार कानूनों को दमनकारी बताया जा रहा है। हालांकि, प्रशासन इसे विकास से जोड़ रही है और प्राकृतिक संरक्षण का हवाला देते हुए सुधारवादी बता रही है।

यहां 10 प्वाइंट्स में जानते हैं कि क्यों लक्षद्वीप में सियासी बवाल आया है।

1- PASA एक्ट

विवादों के इस तूफान में लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित असामाजिक गतिविधि विनियमन विधेयक भी अहम है। असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टीविटीज (PASA) एक्ट पेश किया गया है, जो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से गिरफ्तारी का खुलासा किए बिना सरकार द्वारा एक साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।

यह कानून में किसी संदिग्ध को हिरासत में लेने के लिए कोर्ट द्वारा जारी वारंट की जरूरत नहीं होगी। लोगों ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा है कि लक्षद्वीप में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, यहां की अपराध दर देश में सबसे कम है। प्रफुल्ल खोड़ा पटेल का तर्क है कि लक्षद्वीप में ड्रग्स से संबंधित अपराधों में बढ़ोत्तरी देखी गई है।

2- लक्षद्वीप में कोरोना के मामलों का बढ़ना

भारत में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान लक्षद्वीप (Lakshadweep) कोविड-19 के ग्रीन जोन में था। अब यह आरोप है कि प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा क्वारंटीन और यात्रा नियमों में ढील की वजह से लक्षद्वीप को कोविड-19 के लिए ‘हाइएस्ट पॉजिटिविटी’ वाली जगह बना दिया है। पूर्व प्रशासक दिवंगत दिनेश्वर शर्मा के प्रशासनकाल में क्वारंटीन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया था। वहीं, अब यात्रियों को लक्षद्वीप पहुंचने के लिए केवल कोरोना वायरस की निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होती है। इस पर प्रफुल्ल खोड़ा पटेल का कहना है कि लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह बदलाव लाए गए थे।

3- लक्षद्वीप पशु संरक्षण नियम 2021

प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने लक्षद्वीप पशु संरक्षण नियम-2021 प्रावधान प्रस्तावित किया है। जिसके तहत गाय, सांड और बैल की हत्या पर प्रतिबंध लग जाएगा। इस प्रस्ताव का जमकर विरोध किया जा रहा है।

बता दें कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) की आबादी में लगभग 97 फीसदी मुसलमान हैं और इनमें अधिकतर अनुसूचित जनजाति के हैं। लक्षद्वीप की जनजातीय आबादी लगभग 95 फीसदी है। बीफ उनके नियमित आहार का हिस्सा है। प्रफुल्ल खोड़ा पटेल का समर्थन करने वाले राज्य को गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले संवैधानिक प्रावधान का हवाला देते हैं। हालांकि, भारत में बीफ में ज्यादातर भैंस का मांस होता है।

4- मिड-डे मील

प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने लक्षद्वीप के स्कूलों में मध्याह्न भोजन यानी मिड-डे मील से मांसाहारी भोजन को हटा दिया है। इस निर्णय का भी जमकर विरोध हो रहा है। कहा जा रहा है कि बच्चों के खाने से मांसाहार को नहीं हटाना चाहिए।

5- शराब की बिक्री और बार की अनुमति

प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के तरीके के तौर पर लक्षद्वीप में बार की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि गुजरात की तरह ही लक्षद्वीप में भी शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने वाला एक निषेध कानून है। इस कदम का स्थानीय निवासियों और राजनीतिक नेताओं द्वारा जोरदार विरोध किया जा रहा है।

6- कर्नाटक को कार्गो का डायवर्जन

प्रफुल्ल खोड़ा पर ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह केरल के साथ लक्षद्वीप के संबंधों को बाधित कर रहे हैं। साथ ही कर्नाटक को फायदा पहुंचा रहे हैं। दरअसल, पहले लक्षद्वीप के लिए आने वाले कार्गो को केरल के बेपोर बंदरगाह पर डॉक किया जाता था। केरल के साथ द्वीप के निवासियों के मजबूत सांस्कृतिक संबंध हैं। प्रफुल्ल खोड़ा पटेल पर आरोप है कि उन्होंने केरल के साथ लक्षद्वीप के संबंधों को बाधित करने के लिए कार्गो को कर्नाटक के मैंगलोर बंदरगाह पर भेजा।

7- लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन-2021

इन सभी मुद्दों में सबसे विवादास्पद लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन-2021 (LDAR) है, जिसे प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा प्रस्तावित किया गया है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह प्रशासक के तौर पर सरकार को मजबूत करेगा। जो प्रशासक को विकास के उद्देश्य से किसी भी संपत्ति को जब्त करने और उसके मालिकों को स्थानांतरित करने या हटाने की अनुमति देता है।

दरअसल, इसके अंतर्गत लक्षद्वीप (Lakshadweep) में ‘खराब लेआउट या पुराने’ बुनियादी ढांचे के रूप में पहचाने जाने वाले किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए विकास प्राधिकरणों का गठन करने की प्रशासक को शक्ति मिलती है। केवल छावनी क्षेत्रों को ही इस नियम के दायरे से बाहर रखा गया है। आरोप लगाया जा रहा है कि इस कानून का उद्देश्य ‘रियल इस्टेट हितों’ को साधना और अनुसूचित जनजाति के लोगों की छोटी जमीनों को हड़पना है।

8- सड़कों का चौड़ीकरण

प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने लक्षद्वीप में सड़कों के चौड़ीकरण और हाइवे निर्माण के आदेश भी दिए हैं। इसका भी विरोध किया जा रहा है। दरअसल, लक्षद्वीप में सबसे बड़ा बसा हुआ द्वीप एंड्रोथ केवल 4.9 वर्ग किमी में फैला है। जिसका घनत्व 2,312 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। सबसे कम घने द्वीप बितरा में 271 लोग 0.10 वर्ग किमी क्षेत्र में रहते हैं। लोगों का कहना है कि इतनी छोटी जमीन पर किस तरह से हाइवे या मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाए जा सकते हैं।

9- पंचायत कर्मचारी नियम

केंद्र शासित प्रदेश में लक्षद्वीप पंचायत कर्मचारी नियम प्रस्तावित किया गया है। इस नियम के अनुसार, दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को पंचायत चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा। लोगों का कहना है कि लक्षद्वीप की कुल प्रजनन दर 1.6 है। यह कानून कई प्रमुख नेताओं को अयोग्य घोषित करने के लिए लाया गया है।

10- संविदा नौकरियों को खत्म करना

यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) में विभिन्न विभागों में संविदा कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले लोगों को भी हटाया जा रहा है। प्रफुल्ल खोड़ा पटेल पर आरोप है कि पर्यटन विभाग, आंगनवाड़ी, शिक्षण संस्थानों समेत कई विभागों से लोगों को बड़ी संख्या में बर्खास्त किया जा रहा है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें