भारत के साथ चीन की आक्रामक नीति के खिलाफ अमेरिका, ड्रैगन के विरोध में अमेरिकी संसद ने रक्षा नीति विधेयक पास किया

कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) ने कहा, ‘‘हिंसक आक्रामकता किसी चीज का जवाब नहीं होती और यह बात खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा के मामले में सही है, जो भारत से चीन को अलग करने वाला विवादित सीमा क्षेत्र है।’’

Raja Krishnamoorthi

Raja Krishnamoorthi

अमेरिकी संसद ने 740 अरब डॉलर का रक्षा नीति विधेयक आधिकारिक रूप से पारित किया है, जिसमें अन्य चीजों के साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता का विरोध किया गया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट ने मंगलवार को राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) पारित किया। इसमें भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) के प्रस्ताव की भाषा के अहम अंशों को शामिल किया गया है और चीन सरकार से एलएसी (LaC) के पास भारत के खिलाफ सैन्य आक्रामकता को समाप्त करने का आग्रह किया गया है।

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भारत-चीन के बीच इस साल मई से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी गतिरोध सुलझाने की दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। द्विदलीय कांग्रेशनल सम्मेलन समिति ने विधेयक के प्रतिनिधि सभा एवं सीनेट के संस्करणों को इस महीने की शुरुआत में मिलाकर अंतिम विधेयक तैयार किया था।

चीन की आक्रामकता के विरोध संबंधी प्रावधान को शामिल किया जाना हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में भारत जैसे सहयोगियों के लिए अमेरिका के मजबूत समर्थन को दर्शाता है। कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) के प्रस्ताव को दोनों सदनों में अभूतपूर्व द्विदलीय समर्थन के साथ पारित किया गया। यदि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं, तो यह कानून बन जाएगा।

डोनल्ड ट्रंप ने इस विधेयक के खिलाफ वीटो के इस्तेमाल की धमकी दी है, क्योंकि इसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कानूनी संरक्षण को रद्द करने की बात नहीं की गई है। कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) ने कहा, ‘‘हिंसक आक्रामकता किसी चीज का जवाब नहीं होती और यह बात खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा के मामले में सही है, जो भारत से चीन को अलग करने वाला विवादित सीमा क्षेत्र है।’’

कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) ने कहा, ‘‘एनडीएए में मेरे प्रस्ताव की भाषा शामिल कर और इस विधेयक को हस्ताक्षर के बाद कानून में बदलकर अमेरिका सरकार यह स्पष्ट संदेश देगी कि भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका राजनयिक माध्यमों से सीमा गतिरोध सुलझाने में भारत जैसे सहयोगियों के साथ खड़ा रहने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ एनडीएए में भारत के साथ लगती सीमा के पास चीन की जारी सैन्य आक्रामकता पर ‘‘काफी चिंता’’ जताई गई है।

इसमें कहा गया है कि चीन को मौजूदा राजनयिक तंत्रों के जरिए एलएसी (LaC) पर तनाव कम करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए और बल प्रयोग से विवाद सुलझाने की कोशिश से बचना चाहिए।

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