किर्गिस्‍तान की संसद में घुसे प्रदर्शनकारी; आम चुनाव में गड़बड़ी के आरोप, नतीजे रद्द

किर्गिस्‍तान (Kyrgyzstan) की राजधानी बिश्केक में 4 अक्टूबर को संसदीय चुनाव के नतीजों के बाद से भारी विरोध प्रदर्शन जारी है। हालात ऐसे हो गए कि प्रदर्शनकारियों ने देश की संसद पर धावा बोल दिया।

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किर्गिस्‍तान की संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी।

किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) की राजधानी बिश्केक और अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने संसदीय चुनाव के नतीजे मंगलवार को अमान्य घोषित कर दिए।

किर्गिस्‍तान (Kyrgyzstan) की राजधानी बिश्केक में 4 अक्टूबर को संसदीय चुनाव के नतीजों के बाद से भारी विरोध प्रदर्शन जारी है। हालात ऐसे हो गए कि प्रदर्शनकारियों ने देश की संसद पर धावा बोल दिया। भीड़ देश की संसद और प्रेसिडेंशल ऑफिस में दाखिल हो गई थी। इतना ही नहीं करीब दो हजार लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति अलमाजबेक अतमबयेव को जेल से छुड़ा लिया।

वहीं, देश के राष्ट्रपति सूरनबे जीनबेकोव (Sooronbay Jeenbekov) का दावा है कि देश पर अभी भी उनका नियंत्रण है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि चुनाव में वोट खरीदे गए थे, जिसके विरोध में आक्रामक प्रदर्शन जारी हैं। पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में करने के लिए पानी के कैनन, स्टन ग्रनेड और आंसू गैस का इस्तेमाल किया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स में हजारों लोग इमारत में घूमते नजर आए। यहां तक कि राष्ट्रपति के दफ्तर में घुसे लोगों ने खिड़कियों से बाहर कागज भी फेंक दिए। आदिल तुरडुकोव नाम के ऐक्टिविस्ट ने बताया कि नेशनल सिक्यॉरिटी कमिटी की इमारत से पूर्व राष्ट्रपति अतमबयेव को बिना किसी बलप्रयोग के छुड़ा लिया गया और अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश भी नहीं की। उन्होंने हथियार डाल दिए।

पूर्व राष्ट्रपति भ्रष्टाचार के केस में ट्रायल के चलते हिरासत में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतमबयेव और सूरनबे आपस में काफी नजदीकी हुआ करते थे। लेकिन साल 2017 में सूरनबे के चुनाव जीतने के बाद दोनों के बीच दरार आ गई। 4 अक्टूबर को हुए चुनाव में छेड़छाड़ के आरोप के बाद से देश में प्रदर्शन हो रहे हैं।

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वोटिंग के बाद 16 में से सिर्फ 4 पार्टियां संसद में जगह बना सकीं, जिनमें से तीन राष्ट्रपति जीनबेकोव की करीबी हैं। इसके बाद से ही आरोप लग रहे हैं कि राष्ट्रपति के करीबी गुटों ने वोट खरीदने और वोटरों को डराने का काम किया है।

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इसके बाद विपक्ष की 12 पार्टियों ने एक साथ आकर ऐलान किया कि वे चुनाव के नतीजों को नहीं मानती हैं। किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) की राजधानी बिश्केक और अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने संसदीय चुनाव के नतीजे मंगलवार को अमान्य घोषित कर दिए।

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