पाकिस्तान का ‘एंटी इंडिया’ प्रोपेगैंडा फेल, सऊदी-ओमान-कतर के बाद कुवैत ने भी नकारा

पाकिस्तान भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए OIC जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल करता है। वहीं फेक वीडियोज़ के जरिए भारत में नफरत की खेंप भेजता रहता है, ताकि भारत में सांप्रदायिक माहौल पैदा करके नफरत की रोटियां सेंकी जा सकें।

Covid-19, Corona Virus

भारत में नफरत फैलाने की पाकिस्तानी मुहिम नाकाम।

सऊदी अरब, ओमान और कतर के बाद अब कुवैत ने भी भारत विरोधी प्रोपेगैंडा को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि भारत के आंतरिक मामलों में कुवैत किसी तरह के हस्तक्षेप का समर्थन नहीं करता है। साथ ही, उसने दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंधों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

दरअसल, कुवैत के कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत अनेक लोगों ने ट्विटर पर भारत के कुछ हिस्सों में मुसलमानों पर हमलों के आरोप वाली खबरों की आलोचना की है। उसी संदर्भ में मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमने कुवैत में गैर-सरकारी सोशल मीडिया हैंडलों पर भारत के संदर्भ में कुछ चीजें देखी हैं। कुवैत सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे भारत के साथ दोस्ताना रिश्तों के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे भारत के आंतरिक मामलों में भी किसी तरह की हस्तक्षेप का समर्थन नहीं करते।’’

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत ने कोरोना वायरस से निपटने में मदद के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम को कुवैत भेजा है। इसके लिए कुवैत ने भारत से अनुरोध किया था। इस टीम ने कुवैत के कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार में काफी मदद की। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए महत्वपूर्ण है कि हमारे रिश्तों की दोस्ताना और सहयोगात्मक प्रकृति को सटीक तरह से पहचाना जाए और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को महत्व नहीं दिया जाए।’’ भारत में कुवैत के राजदूत जासेम अल-नाजिम ने भी दोनों देशों के बीच संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांत की बात की। कुवैत की समाचार एजेंसी कुना ने अल-नाजिम के हवाले से कहा, ‘‘कुवैत और भारत अपनी विदेश नीतियों में कई सिद्धांत साझा करते हैं जिनमें संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का सम्मान करना, एक दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना और एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना शामिल है।’’

वहीं कुवैत की ओर से भी इसी तरह का बयान आया है। भारत में कुवैत के राजदूत जस्सेम अल-नजीम ने सोमवार को एक प्रेस बयान जारी कर संयुक्त राष्ट्र चार्टर का हवाला देते हुए दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांत को दोहराया।

गौरतलब है कि 2मार्च को इस टि्वटर हैंडल से यह जानकारी दी गई थी कि कुवैती कैबिनेट के महासचिव ने एक नोट में भारत में अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी।

पाकिस्तान का किया धरा

सिर्फ सच ने पहले भी खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया था कि पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा विभाग यानी पाकिस्तानी सेना का मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) भारत में जहर घोलने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित अपने लेख में एसडी प्रधान बताते हैं कि कैसे पाकिस्तान इस गाढ़े वक्त में भी अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहा।

एक तरफ पाकिस्तान भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए OIC जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल करता है। वहीं फेक वीडियोज़ के जरिए भारत में नफरत की खेंप भेजता रहता है, ताकि भारत में सांप्रदायिक माहौल पैदा करके नफरत की रोटियां सेंकी जा सकें। वहीं, भारत में अलंपसंख्यकों के खिलाफ माहौल को गर्म करने में भी जुटा है। इसका ताजा उदाहरण है तब्लीगी प्रकरण। जब तब्लीगी जमात के लोगों के कोरोना संक्रमित होने की खबरें आने शुरू हुईं तो पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा विभाग, फेक वीडियोज़ के जरिए सोशल मीडिया में ये भ्रम फैलाने लग गया कि हिंदुस्तान में सभी मुस्लिमों के खिलाफ शोषण हो रहा है।

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