झारखंड के किसानों का सपना पूरा करेगी ये योजना, ऐसे सुधरेगी खेतों की हालत

झारखंड के किसानों को धन लाभ होगा और वह खुशहाल होंगे। कुसुम योजना (Kusum scheme) किसानों के जीवन में एक बदलाव लेकर आएगी। उन्हें सोलर पंप सेट दिए जाएंगे।

Kusum scheme

झारखंड के किसानों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें कुसुम योजना (Kusum scheme) का फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत किसानों को बिजली और डीजल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी और उन्हें सोलर एनर्जी से चलने वाले सोलर पंप सेट मुहैया करवाए जाएंगे।

इस पंप सेट से किसान अपने खेतों तक आराम से पानी पहुंचा पाएंगे और सालभर आराम से खेती करेंगे। इससे कृषि से जुड़े प्रोडक्ट्स की कोई कमी नहीं होगी और बिचौलियों का खेल खत्म हो जाएगा।

ऐसे में झारखंड के किसानों को धन लाभ होगा और वह खुशहाल होंगे। ये योजना (Kusum scheme) किसानों के जीवन में एक बदलाव लेकर आएगी।

केंद्र सरकार की ओर से कृषक ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना के तहत राज्य में यह सोलर पंप सेट लगाए जाने हैं। इसमें केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार का भी अंशदान होगा।

राज्य सरकार के निर्देश पर राज्य के 18 नक्सल प्रभावित जिलों में किसानों को सोलर पंप सेट दिया जाएगा।

इसकी क्षमता और अंशदान की जानकारी झारखंड की सरकारी सौर ऊर्जा एजेंसी जरेडा को उपलब्ध करानी है, इसलिए जरेडा ने चयनित जिलों में अधिकारियों को प्रभार दिया है। इसमें रांची, कोडरमा, पलामू ,हजारीबाग समेत कई अन्य जिलों का नाम नहीं है।

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बता दें कि चयनित जिलों में कुल 4657 सोलर पंप सेट किसानों को दिए जाने हैं। इसमें नक्सल प्रभावित जिला गढ़वा के 400 किसानों को, नक्सल प्रभावित पूर्वी सिंहभूम जिले के 300 किसानों को, नक्सल प्रभावित लातेहार के 76 किसान, नक्सल प्रभावित गिरिडीह जिले के 536 किसान, बोकारो जिले के 350 किसान ,धनबाद के 183 किसान ,नक्सल प्रभावित लोहरदगा के डेढ़ सौ किसान ,नक्सल प्रभावित सराय केला खरसावां में 250 किसान , साहिबगंज जिले में 294 किसान, पाकुड़ के 250 किसान ,दुमका जिले के 350 किसान, वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्र जिले में चतरा 9 किसानों को , खूंटी जिले के 136 किसानों को , देवघर जिले के 316 किसानों को, नक्सल प्रभावित के पश्चिमी सिंहभूम जिला के 276 किसानों को, नक्सल प्रभावित गुमला जिले के 175 किसानों को यह पंप सेट मुहैया करवाया जाएगा।

बता दें कि बिहार से अलग होने के 20 साल बाद झारखंड राज्य के लिए किसी सरकार ने किसानों के प्रति इतना सोचा है। अगर झारखंड स्थापना काल में ही किसानों के प्रति सरकार इतनी चिंतित होती तो आज झारखंड कृषि क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बना चुका होता।

लोगों का कहना है कि यहां नदियां तो बहुत है, उनमें सालभर पानी भी बहता है लेकिन नदियों से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई का कोई संसाधन नहीं है। वहीं किसानों के पास इतनी पूंजी नहीं है कि वह यांत्रिक संसाधनों की उपलब्धता बना सकें।

ऐसी परिस्थिति में इन किसानों को सब्सिडी के साथ सोलर पंप सेट दिया जा रहा है। इसमें ना डीजल का खर्च और ना ही बिजली बिल देने का डर सताएगा।

किसानों का यह कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले सोलर पंप सेट से झारखंड के कई एकड़ खेतों में पटवन होगी और कृषि उत्पादन में झारखंड आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और किसान खुशहाल होंगे।

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