Krishna Janmashtami 2021: आज देशभर में मनाई जा रही है कृष्ण जन्माष्टमी, 101 साल बाद हो रहा ये महासंयोग

आज देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2021) मनाई जा रही है। जन्माष्टमी पर सभी मंदिरों कृष्ण भगवान का श्रृंगार किया जाता है।

Krishna Janmashtami 2021

Krishna Janmashtami 2021

इस जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2021) पर द्वापर युग जैसा महासंयोग बन रहे हैं। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के समय जो शुभ योग और नक्षत्र स्थित थे, इस बार भी वही योग और नक्षत्र हैं।

आज देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2021) मनाई जा रही है। जन्माष्टमी पर सभी मंदिरों कृष्ण भगवान का श्रृंगार किया जाता है। श्री कृष्णावतार के उपलक्ष्य में झाकियां सजाई जाती हैं और कान्हा का श्रृंगार करके उन्हें झूला झुलाया जाता है। कोरोना गाइडलाइन (Corona guideline) के तहत किए जा रहे आयोजनों में भक्तों द्वारा भगवान कृष्ण के दर्शन कर अभिषेक किया जा रहा है। लोग भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

इस जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसा महासंयोग बन रहे हैं। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के समय जो शुभ योग और नक्षत्र स्थित थे, इस बार भी वही योग और नक्षत्र हैं। आज करीब 101 साल बाद जन्माष्टमी पर ऐसा दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि, जयंती योग में रात को 12 बजे हुआ था।

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आज अष्टमी तिथि, 30 अगस्त को रात 1 बजकर 59 मिनट तक है। मतलब रात 12 बजे अष्टमी तिथि भी है। इस समय रोहिणी नक्षत्र भी है और चन्द्रमा वृष राशि में हैं। आज रात 12 बजे जयंती योग भी है। इस योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

ऐसी मान्यता है कि इस योग में संतान प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप किया जाए तो अत्यंत लाभ होगा और भगवान श्री कृष्ण की कृपा से भक्तों को पुत्र-रत्न की प्राप्ति होगी। हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। जन्माष्टमी के दिन कान्हा का पूरा श्रृंगार किया जाता है। आज के दिन गाय-बछड़े की प्रतिमा की भी पूजा की जाती है।

शुभ मुहुर्त

आज कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2021) का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है। कुल अवधि 45 मिनट की है। शुभ मुहूर्त में पूजन से कान्हा की विशेष कृपा मिलती है। वहीं, व्रत पारण का समय 31 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट के बाद का है।

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