जानें क्या है फिंगर? भारत-चीन विवाद के दौरान जिसपर खूब हुई चर्चा

बीते कुछ महीनों में भारत-चीन के बीच एलएसी (LAC) पर तनाव को लेकर लगातार खबरें आती रहीं। इस खबरों में पैंगोंग झील और फ‍िंगर-4 की चर्चा सबसे अधिक हुई।

Finger-4

आठ साल पहले चीन की सेना ने फ‍िंगर-4 (Finger-4) पर स्‍थाई निर्माण की कोशिश की थी। उस वक्‍त भारत के विरोध के कारण इसे ध्‍वस्‍त कर दिया गया।

बीते कुछ महीनों में भारत-चीन के बीच एलएसी (LAC) पर तनाव को लेकर लगातार खबरें आती रहीं। इस खबरों में पैंगोंग झील और फ‍िंगर-4 की चर्चा सबसे अधिक हुई। बता दें कि भारत और चीन के बीच फ‍िंगर-4 (Finger-4) और फ‍िंगर-8 (Finger-8) को लेकर तनाव की स्थिति है। हाल ही में रक्षा मंत्री ने राज्य सभा में ऐलान किया कि LAC पर तनाव कम करने को लेकर दोनों देशों में सहमति बन गई है।

जिसके बाद डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। इसके तहत चीन ने फ‍िंगर-4 क्षेत्र को खाली करना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, चीन ने यहां अपने निर्माण कार्य को भी ध्‍वस्‍त करना शुरू कर दिया है।

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आपको बताते हैं कि फ‍िंगर क्‍या है और दोनों देशों के बीच फ‍िंगर-4 की भूमिका क्‍या है? दरअसल, पेंगोंग झील के किनारे बंजर पहाड़‍ियां हैं। इनको स्‍थानीय भाषा में छांग छेनमो कहते हैं। इन पहाड़‍ियों के उभरे हुए भाग को फ‍िंगर कहा जाता है। दरअसल, पैंगोंग झील के किनारे पहाड़ की आकृति कुछ इस तरह से है कि यह अंगुलियों की तरह प्रतीत होती है। इसीलिए इन्हें फिंगर कहा जाता है।

इनकी कुल संख्या 8 है। भारत का दावा है कि एलएसी की सीमा फ‍िंगर-8 तक है, जबकि चीन का दावा है कि फ‍िंगर-2 तक ही एलएसी है। आठ साल पहले चीन की सेना ने फ‍िंगर-4 (Finger-4) पर स्‍थाई निर्माण की कोशिश की थी। उस वक्‍त भारत के विरोध के कारण इसे ध्‍वस्‍त कर दिया गया। भारत का नियंत्रण फ‍िंगर-4 तक ही है। फ‍िंगर-8 पर चीन का सैन्‍य पोस्‍ट है।

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पैट्रोलिंग के दौरान दोनों देशों की सेना का आमना-सामना होता है। हालिया तनाव के बाद भारतीय सेना ने अपनी गश्ती को फ‍िंगर-8 तक कर दिया था। मई में भारत और चीन के सैनिकों के बीच फ‍िंगर-5 के इलाके में संघर्ष हुआ था। चीन की सेना ने भारतीय सैनिकों को फ‍िंगर-4 से आगे बढ़ने से रोक दिया था।

अब भारत और चीन के बीच LAC पर जो डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हुई है, उसके बारे में रक्षा मंत्री ने राज्‍यसभा में जानकारी दी। जिसमें उन्‍होंने बताया कि दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से फॉरवर्ड इलाकों से पीछे हटेंगे।

इसके तहत चीन पैंगोंग झील के उत्‍तरी हिस्‍से में मौजूद फिंगर 8 के पूर्व तक अपनी सेनाओं को पीछे लेकर जाएगा। इसी तरह से भारत भी अपनी सेनाओं को फिंगर 3 पर स्थित धन सिंह थापा पोस्‍ट पर वापस लेकर आएगा। यह कार्रवाई दोनों देश दक्षिणी किनारे पर भी करेंगे।

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इसी तरह से अप्रैल, 2020 के बाद से पैंगोंग झील के उत्‍तरी और दक्षिणी किनारों पर जो भी निर्माण कार्य हुआ है, उसे भी दोनों देशों की तरफ से हटाया जाएगा। इसके साथ ही दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि फिंगर 3 और फिंगर 8 पर अस्‍थायी तौर पर कोई पेट्रोलिंग नहीं की जाएगी। जब तक दोनों पक्ष सैन्‍य और राजनयिक तरीके से किसी समझौते पर नहीं पहुंच जाते हैं तब तक पेट्रोलिंग पर रोक है।

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