पाक-चीन के कश्मीर राग पर संयुक्त राष्ट्र की दो टूक, ‘कश्मीर पर नहीं होगी चर्चा’

United Nations

करीब पिछले 3 महीने से पाकिस्तान और चीन किसी ना किसी तरह संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की बैठकों में भारत के जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाकर महासंघ का कीमती समय जाया करते आ रहे हैं। पाकिस्तान और चीन के इस मुद्दे के समर्थन में कोई दूसरा देश खड़ा नहीं है। दुनिया के अधिकांश शक्तिशाली देश भारत के पक्ष में खड़े हैं और घाटी में धारा 370 हटान के फैसले को भारत का आंतरिक फैसला बताया है। बावजूद इसके पाकिस्तान और चीन लगातार इसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों के इस रवैये से आजिज आकर अब संयुक्त राष्ट्र ने खुद कहा है कि सुरक्षा परिषद की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी।

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संयुक्त राष्ट्र (United Nations) सुरक्षा परिषद इस महीने कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं करेगा। संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की स्थायी प्रतिनिधि और नवम्बर के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष केरन पीयर्स ने यह जानकारी दी। पीयर्स ने कहा कि दुनिया में कई और मुद्दे चल रहे हैं। ब्रिटेन द्वारा संयुक्त राष्ट्र की इस 15 सदस्यीय प्रमुख संस्था की अध्यक्षता संभालने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, कश्मीर के लिए हमारे पास कुछ भी पूर्व निर्धारित नहीं है।’

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एक सीरियाई पत्रकार ने उनसे पूछा था कि क्या ब्रिटेन के परिषद की अध्यक्षता के दौरान कश्मीर पर कोई बैठक या चर्चा निर्धारित है? इस पर केरन पीयर्स ने जवाब दिया कि, ‘‘दुनिया में कई मामले चल रहे हैं और हर महीने अध्यक्ष उनमें से कुछ मुद्दों को चुनते हैं जो संयुक्त राष्ट्र (United Nations) सुरक्षा परिषद के कामकाज में नियमित रूप से सूचीबद्ध नहीं होते हैं। ’उन्होंने कहा, ‘‘हमने कश्मीर को नहीं चुना है क्योंकि सुरक्षा परिषद ने हाल में इस पर चर्चा की थी और सुरक्षा परिषद के किसी अन्य सदस्य ने हमसे बैठक निर्धारित करने को नहीं कहा है।’ पाकिस्तान और चीन द्वारा कश्मीर पर बैठक बुलाए जाने की मांग के बाद सुरक्षा परिषद ने अगस्त में भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किये जाने के मामले में बंद कमरे में चर्चा की थी।

पाकिस्तान द्वारा इस मामले में सुरक्षा परिषद को पत्र लिखे जाने के बाद चीन ने मामले पर ‘‘बंद कमरे में परिर्चचा’ की मांग की थी। यह र्चचा बिना किसी नतीजे या बयान के खत्म हुई थी। परिषद के अधिकतर सदस्यों ने इसे भारत व पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा बताया था। भारत ने भी यह स्पष्ट किया था कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है।

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