झारखंड: नौकरी छोड़कर गांव की तस्वीर बदलने में लगा IIT मुंबई का ये पूर्व छात्र, ‘मन की बात’ में हो सकती है चर्चा

चौपारण प्रखण्ड घोर नक्सल इलाका है। यहां से कुछ दूरी पर बिहार राज्य की सीमा शुरू हो जाती है। इस क्षेत्र में बीहड़ जंगल भी हैं, जिससे इस इलाके में नक्सली घूमते रहते हैं।

Amitesh

अमितेश (Amitesh) गांव में विकास के साथ लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हैं। उनकी कोशिशों के बाद ही गांव को राजकीय पथ से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण शुरू किया गया। लगभग 30 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले के नक्सल प्रभावित चौपारण देहर गांव में इन दिनों एक युवा अभियंता अमितेश (Amitesh) अपनी मेहनत और लगन से गांव की तस्वीर बदलने में लगा है। अमितेश IIT मुंबई का पूर्व छात्र है।

चौपारण प्रखण्ड घोर नक्सल इलाका है। यहां से कुछ दूरी पर बिहार राज्य की सीमा शुरू हो जाती है। इस क्षेत्र में बीहड़ जंगल भी हैं, जिससे इस इलाके में नक्सली घूमते रहते हैं। इन सबके बावजूद इस युवा अभियंता ने गांव के विकास का खाका तैयार किया है।

अमितेश (Amitesh) गांव में विकास के साथ लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हैं। उनकी कोशिशों के बाद ही गांव को राजकीय पथ से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण शुरू किया गया। लगभग 30 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

वहीं हर घर मे पेयजल की व्यवस्था के लिए घर-घर मे पाइपलाइन वाटर कनेक्शन की शुरुआत हो चुकी है। इस गांव के लगभग 50 गरीब परिवारों को पक्का मकान और लाइट की व्यवस्था, गांव के कोने-कोने में सीसीटीवी लगाने का भी प्रस्ताव दिया गया है।

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इस काम को 2021 के मार्च महीने तक पूरा कर लिया जाएगा। इस गांव में कमला माता का एक मंदिर है, जिसे राष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की जा रही है, जिससे ये राष्ट्रीय पर्यटन के अंदर मानचित्र में आ जाए।

जब लोग यहां आना शुरू करेंगे तो यहां के ग्रामीणों के पास रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कहा जा रहा है कि ये युवा इंजीनियर फिल्म स्वदेश के हीरो मोहन भार्गव की तरह काम कर रहे हैं। मोहन भार्गव फिल्म स्वदेश में नासा छोड़कर अपने गांव लौट आते हैं और उसका विकास करते हैं।

अमितेश (Amitesh) भी ओएनजीसी कंपनी में काम करते थे, लेकिन अब वे गांव लौटकर उसे स्मार्ट विलेज परियोजना के तहत केंद्र सरकार की मदद से ये सारे काम करवा रहे हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक भी अमितेश की तारीफ कर चुके हैं। अमितेश की कहानी पीएम मोदी तक पहुंच चुकी है और 7 नवंबर को मन की बात के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट में यहां चल रहे विकास की जानकारी ट्वीट की गई है। इस बात की संभावना जताई गई है कि मन की बात में जल्द पीएम मोदी इस गांव के लोगों से लाइव बातचीत करेंगे।

इस गांव की योजनाओं को झारखंड के सीएम तक भी पहुंचाया गया है। केंद्र सरकार इस योजना में खूब मदद कर रही है, इसलिए अपेक्षा है कि ये योजना राज्य सरकार तक भी पहुंचे और वो भी मदद करे।

बता दें कि गांव के विकास में भूमि अधिग्रहण मुख्य समस्या है। इसे राज्य सरकार की अनुमति के बिना सुलझाया नहीं जा सकता। हालांकि इस युवा इंजीनियर को आईआईएम के छात्रों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। यही वजह है कि वे इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहे हैं।

अमितेश ने अपने गांव के विकास की इस परियोजना को स्मार्ट सिटी देहर स्मार्ट विलेज परियोजना का नाम दिया है। उनके प्रयास युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।

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