Jharkhand: 25 लाख का इनामी अजय महतो सहित 33 हार्डकोर नक्सलियों पर चलेगा देशद्रोह का मुकदमा

झारखंड (Jharkhand) की सरकार ने कुख्यात अजय महतो सहित 33 हार्डकोर नक्सलियों (Naxals) पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने पीरटांड़ पुलिस के आवेदन को देखते हुए सरकार से इसकी मंजूरी देने की मांग की थी।

Naxals

सांकेतिक तस्वीर।

जिन नक्सलियों (Naxals) पर मुकदमा चलाने की स्वीकृति दी गई है, उनमें 25 लाख का इनामी अजय महतो उर्फ टाइगर, पांच लाख का इनामी दीनदयाल कोल्ह और नुनूचंद महतो शामिल हैं।

झारखंड (Jharkhand) की सरकार ने कुख्यात अजय महतो सहित 33 हार्डकोर नक्सलियों (Naxals) पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने पीरटांड़ पुलिस के आवेदन को देखते हुए सरकार से इसकी मंजूरी देने की मांग की थी। दरअसल, न्यायालय में  देशद्रोह का मुकदमा राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं चलाया जा सकता है।

जिन नक्सलियों (Naxals) पर मुकदमा चलाने की स्वीकृति दी गई है, उनमें 25 लाख का इनामी अजय महतो उर्फ टाइगर, पांच लाख का इनामी दीनदयाल कोल्ह व नुनूचंद महतो शामिल हैं।

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इसके अलावा नक्सली संतोष किस्कू, गुरुजी उर्फ हेमलाल महतो, करमू मांझी उर्फ नेताजी, सुरेश मांझी, बीरबल मांझी, राधेश्याम मोदक, छपटू कुमार सिन्हा, सलीमुद्दीन अंसारी, जगदेव मुर्मू, प्रशांत मांझी उर्फ छोटका, विनोद, सुनील दास, अरुण मांझी, करमचंद मांझी, नंदलाल मांझी, भूषण ङ्क्षसह, खीरो महतो, भरत ङ्क्षसह, सुनील, सुखदेव महतो, सोमरा मांझी, दिलचंद महतो, शीतल मांझी, बुधवा, दीपचंद किस्कू, मंडन महतो उर्फ फूलचंद, नंद ङ्क्षसह, ङ्क्षपटू, कल्पनाजी और पार्वती पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई है।

बता दें कि साल 2012 में पीरटांड़ थाना के एएसआइ किशुन उरांव ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि 14 जुलाई, 2012 को सूचना मिली कि नक्सली इलाके में बैठक करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। नक्सली दस्ता इलाके में दहशत फैलाते हुए ग्रामीणों को सरकार की नीतियों के विरुद्ध काम करने को उकसा रहा था। दस्ते का नेतृत्व जोनल कमांडर अजय महतो कर रहा था।

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नक्सली (Naxlites) बैनर पोस्टर के साथ हथियारों का भय दिखाकर ग्रामीणों को संगठन में शामिल होने का दबाव भी दे रहे थे। तब अन्य धाराओं के साथ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने अपनी जांच में इस घटना को सही पाया था। वरीय पुलिस अधिकारियों ने पर्यवेक्षण रिपोर्ट दी थी। इस मामले के कई आरोपित दूसरे मामलों में जेल में बंद हैं। वहीं, करीब चार दर्जन घटनाओं में शामिल रहे कुख्यात टाइगर का अब तक सुराग नहीं मिल पाया है।

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