झारखंड: धनबाद में खात्मे की ओर लाल आतंक, पड़ोसी जिलों में भी नक्सली गतिविधियों पर लगी लगाम

झारखंड (Jharkhand) के धनबाद जिले में लाल आतंक (Red Terror) लगभग खात्मे की ओर है। यह पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही कोशिशों का नतीजा है।

Naxal Violence

सांकेतिक तस्वीर।

पुलिस के आकड़ों के अनुसार, धनबाद के पड़ोसी जिलों में भी नक्सलियों की गतिविधि (Naxal Activities) ज्यादा नहीं है। इसमें देवघर, जामताड़ा और पाकुड़ में पिछले दो सालों में एक भी नक्सली मामला दर्ज नहीं किया गया है।

झारखंड (Jharkhand) के धनबाद जिले में लाल आतंक (Red Terror) लगभग खात्मे की ओर है। यह पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही कोशिशों का नतीजा है। धनबाद पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 और 2021 में यहां अब तक एक भी नक्सली गतिविधि (Naxal Activities) का मामला दर्ज नहीं हुआ है।

वहीं, साल 2013 से अब तक हत्या की एक भी घटना नहीं हुई है। इस बाबत, एसएसपी संजीव कुमार कहते है कि यह उनका लक्ष्य है कि धनबाद में नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।

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पुलिस के आकड़ों के अनुसार, धनबाद के पड़ोसी जिलों में भी नक्सलियों की गतिविधि (Naxal Activities) ज्यादा नहीं है। इसमें देवघर, जामताड़ा और पाकुड़ में पिछले दो सालों में एक भी नक्सली मामला दर्ज नहीं किया गया है। वहीं, गिरीडीह में नौ और बोकारो में छह मामले दर्ज किए गए हैं।

चाईबासा में नक्सली हमले के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। बीते 2 सालों में चाईबासा में 118 नक्सली मामले दर्ज किए हैं। वहीं, लातेहार में 77, खूंटी में 59, चतरा में 46 और रांची में 37 नक्सली मामले दर्ज हुए हैं।

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इन आंकड़ों से पता चलता है कि यहां नक्सलवाद अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। धनबाद में नक्सलियों पर पूरी तरह लगाम लगा दिया गया है। वहीं, आस-पास के जिलों में भी नक्सली गतिविधियों में कमी देखी जा रही है। अब, वह दिन दूर नहीं जब ये इलाके लाल आतंक से पूरी तरह मुक्त हो जाएंगे।

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