सांकेतिक तस्वीर।
झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची के बुढ़मू थाना अंतर्गत कोयम जंगल में नक्सली कमांडर (Naxali Commander) मोहन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। नक्सली संगठन टीपीसी (TPC) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। वर्चस्व को लेकर दो नक्सली गुटों में बीच हुई मुठभेड़ में नक्सली मोहन यादव की मौत हो गई।
6 जुलाई की सुबह जंगल से नक्सली कमांडर शव बरामद हुआ। बुढ़मू पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 5 जुलाई (रविवार) की देर रात मोहन यादव के संगठन और तृतीय प्रस्तुति कमेटी (TPC) के बीच वर्चस्व को लेकर मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में नक्सली कमांडर (Naxali Commander) मोहन यादव की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई।
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मोहन प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर (Commander) था। उसने भाकपा माओवादी को छोड़कर अपना खुद का संगठन बनाया था। संगठन का काम ठेकेदारों, कोयला व्यापारियों और कारोबारियों को फोन कर रंगदारी वसूलना था। लोगों में दहशत फैलाने और रंगदारी वसूलने के लिए वह वाहनों में आगजनी और फायरिंग भी करता था।
बुढ़मू पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस (Police) को घटनास्थल से नक्सल साहित्य, पाउच, गोलियां और एसएलआर की मैगजीन बरामद हुई है। बता दें कि मोहन यादव कई नक्सली वारदातों में शामिल था। 15 जुलाई, 2019 में भी मोहन यादव के संगठन और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ के बाद मोहन यादव और उसका साथी कृष्ण यादव पुलिस को चकमा देकर भाग निकले थे।
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