झारखंड: दशकों बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा हजारों लोगों का हत्यारा, नक्सली प्रशांत पर 1 करोड़ का इनाम, नक्सलियों ने कल भारत बंद का किया ऐलान

नक्सलियों की तरफ से झारखंड समेत सभी नक्सल प्रभाविक राज्यों और जिलों में पोस्टर और बैनर्स लगाए जा रहे हैं। जिसमें इन दोनों नक्सली नेताओं को राजनीतिक बंदी का दर्जा दिया गया है।

Prashant Bose

Pic Credit: @livehindustan

झारखंड पुलिस के हाथ बहुत बड़ी सफलता लगी है। राज्य पुलिस ने दशकों से फरार कुख्यात नक्सली नेता प्रशांत बोस (Prashant Bose)  उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा को उसकी पत्नी शीला मरांडी के साथ गिरफ्तार कर लिया है। सरकार ने प्रशांत बोस पर एक करोड़ का इनाम घोषित किया था।

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गौरतलब है कि करीब 2000 से अधिक हत्यायें और 500 से ज्यादा सुरक्षाबलों को मारने वाले प्रशांत बोस (Prashant Bose)  को पुलिस ने 12 नवंबर को कोल्हान इलाके से खुफिया सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है।

पिछले पांच दशक से आतंक का पर्याय बना नक्सली नेता प्रशांत बोस (Prashant Bose)  के अलावा उसकी इनामी पत्नी शीला मरांडी को भी हिरासत में लिया गया है। ऐसा माना जाता है कि नक्सलियों को ट्रेनिंग, उनको संगठित और हमले की प्लानिंग करने में प्रशांत बोस को महारथ हासिल है।

आपको बताते चलें कि 12 नवंबर को हुई नक्सली नेता प्रशांत बोस (Prashant Bose)  गिरफ्तारी के बाद से ही मीडिया में ही ये खबर प्रसारित होने लगी थी, लेकिन पुलिस किसी भी प्रकार की जल्दी के मूड में नहीं थी। तमाम पूछताछ के बाद  पुलिस ने अब दोनों के पकड़े जाने की पुष्टि कर दी है।

गिरफ्तार कुख्यात नक्सली नेता प्रशांत बोस (Prashant Bose)  को 5 राज्यों की पुलिस ढूंढ रही थी। पिछले कुछ सालों में यह मान लिया गया था कि वह मर चुका होगा। लेकिन पुलिस को सूचना मिली कि प्रशांत बोस अपनी पत्नी के साथ ट्रेन में सवार होकर कहीं जा रहा है। उसके बाद झारखंड पुलिस ने उसे सरायकेला के चांडिल कांड्रा चौका मार्ग पर टोल गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया।

वहीं देश भर के तमाम नक्सली संगठन अपने सुप्रीम कमांडर प्रशांत बोस (Prashant Bose) और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है। इसके लिए बकायदा नक्सलियों की तरफ से झारखंड समेत सभी नक्सल प्रभाविक राज्यों और जिलों में पोस्टर और बैनर्स लगाए जा रहे हैं। जिसमें इन दोनों नक्सली नेताओं को राजनीतिक बंदी का दर्जा दिया गया है और उनके खराब स्वास्थ्य के समुचित इलाज की व्यवस्था की मांग की गई है।

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