झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम में खूंखार नक्सली धराया, लंबे समय से चल रहा था फरार

सात साल से फरार नक्सली लोबो सुरीन को छोटानागरा पुलिस ने गिरफ्तार कर 5 सितंबर को जेल भेज दिया। इस नक्सली को सलाई बाजार से गिरफ्तार किया गया।

नक्सली

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले से पुलिस ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया है।

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले से पुलिस ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, सात साल से फरार नक्सली लोबो सुरीन को छोटानागरा पुलिस ने गिरफ्तार कर 5 सितंबर को जेल भेज दिया। इस नक्सली को सलाई बाजार से गिरफ्तार किया गया। नक्सली लोबो सुरीन संकुरा गांव का रहने वाला है। वह दुबिल गांव के सुशील आइंद हत्याकांड का अभियुक्त है। इस हत्याकांड के बाद से ही वह फरार चल रहा था। इसी हत्याकांड का एक अन्य आरोपी नक्सली बिरसा चेरवा को भी पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार कर लिया था। उल्लेखनीय है कि, 12 फरवरी, 2012 की रात हथियारबंद नक्सलियों ने सुशील को उसके घर से अगवा कर लिया था और पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी थी।

घटना के अगले दिन छोटानागरा पुलिस ने सुशील का शव बरामद कर अज्ञात नक्सलियों और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ छोटानागरा थाना में मामला दर्ज किया था। लोबो की गिरफ्तारी इस केस के लिए अहम साबित हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस की पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। साथ ही अन्य लोगों के इस हत्याकांड में शामिल होने की बात भी सामने आयी है। इससे पहले, राज्य के नक्सल प्रभावित पलामू जिले से पुलिस ने तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार नक्सलियों के पास से देसी पिस्तौल और नक्सली पर्चे बरामद हुए।

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पुलिस ने हैदरनगर के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र स्थित काशी सोत डैम के पास से 2 सितंबर को इन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। हुसैनाबाद के एसडीपीओ विजय कुमार को मुताबिक, गुप्त सूचना मिली थी कि टीपीसी के उग्रवादी काशी सोत बांध के समीप देखे गए हैं। तत्काल पुलिस की एक टीम गठित कर कार्रवाई की गयी। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिलीप चौधरी और परवेज अंसारी को धर दबोचा। ये दोनों उग्रवादी किसी नक्सली घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।

एसडीपीओ के अनुसार, गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों के पास से देशी पिस्टल, टीपीसी का प्रतिबंधित पर्चा और मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस के मुताबिक, ये दोनों उग्रवादी पहले भी अपहरण, लूट आदि के कई मामलों में जेल जा चुके हैं। जेल से छूटने के बाद उन्होंने फिर टीपीसी संगठन के लिए काम करना शुरू कर दिया था। हैदरनगर और मोहम्मदगंज थाना की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर यह सफलता हासिल की। गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें केंद्रीय कारा मेदिनीनगर भेज दिया गया।

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