Jharkhand: पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती करने में रोड़ा अटका रहे नक्सली, सता रहा ये डर

झारखंड (Jharkhand) का पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) इकलौता ऐसा टाइगर रिजर्व है, जहां बाघों की संख्या 5 से ज्यादा होने का अनुमान है।

Palamu Tiger Reserve

पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) में बाघों की संख्या 5 होने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन नक्सलियों (Naxalites) के डर से टीम यहां आने से डर रही है।

झारखंड (Jharkhand) का पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) इकलौता ऐसा टाइगर रिजर्व है, जहां बाघों की संख्या 5 से ज्यादा होने का अनुमान है। देश में कितने बाघ हैं, इसका सही अनुमान लगाने के लिए हर 4 साल में एक बार टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती की जाती है।

लेकिन पलामू में अब तक नक्सलियों (Naxalites) के डर से बाघों की गिनती का अनुमान लगाने की कवायद भी सही तरीके से शुरू नहीं हो सका। पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की सही संख्या का अनुमान लगाने में नक्सली अड़ंगा डाल रहे हैं। दरअसल, लातेहार, पलामू और गढ़वा जिले में पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) स्थित है और यह इलाका धुर नक्सल प्रभावित है।

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जानकारी के मुताबिक, पलामू टाइगर रिजर्व में जब भी वन विभाग की टीम सीसीटीवी लगाने पहुंचती है, तो उन्हें नक्सली बंधक बना लेते हैं। क्योंकि नक्सलियों को ये डर लगता है कि बाघों की संख्या का अनुमान लगाने के साथ ही पुलिस को उनके ठिकाने का पा न लग जाए। अब, हालात ये हैं कि नक्सलियों की वजह से टाइगर रिजर्व में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम आने से ही डर रही है।

यही वजह है कि झारखंड में कितने बाघ हैं, इसका अंदाजा लगाना ही मुश्किल हो रहा है। बता दें कि पिछले साल वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों की एक टीम पलामू टाइगर रिजर्व आई थी, लेकिन नक्सलियों ने उन्हें घंटो बंधक बना कर रखा था। काफी मशक्कत के बाद उन्हें नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाया जा सका था। इस घटना के बाद से वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था।

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वन विभाग के वाइल्डलाइफ पीसीसीएफ राजीव रंजन बताते हैं कि पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) में बाघों की संख्या 5 होने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन नक्सलियों के डर से टीम यहां आने से डर रही है। ऐसे में बाघों की सही संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल होगा। नक्सलियों की वजह से झारखंड का नाम बदनाम हो रहा है।

वे कहते हैं कि नक्सलियों के खौफ के बावजूद पलामू टाइगर रिजर्व देश के 10 टाइगर रिजर्व में टॉप पर है। इसकी वजह यह है कि पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) का इकोनामिक वैल्यूएशन शानदार है। टेक्निकल स्टॉक बेनिफिट 96 हजार करोड़ सालाना और फ्लोर बेनिफिट 13 हजार करोड़ सालाना का आंकलन किया गया है। यहां कार्बन और वॉटर स्टोरेज के साथ-साथ लोगों की हेल्थ बेनिफिट्स और फ्लोरा फौना की स्थिति दूसरे टाइगर रिजर्व से काफी बेहतर है।

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गौरतलब है कि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती करने को लेकर आदेश दिए हैं। सरकार ने पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या कम होने को लेकर सर्वे कराने के आदेश दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) इसको लेकर काफी गंभीर हैं।

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