Jharkhand: चुनाव से पहले नक्सली गतिविधियों में कमी किसी खतरे की घंटी? चौकन्नी हुई पुलिस

झारखंड में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष कराने के लिए पुलिस प्रशासन पुख्ता तैयारी कर रहा है। लेकिन विभागीय सूत्रों से जो जानकारी सामने आ रही है उसमें नक्सली हमले की आशंका जतायी जा रही है।

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झारखंड (Jharkhand) में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष कराने के लिए पुलिस प्रशासन पुख्ता तैयारी कर रहा है। लेकिन विभागीय सूत्रों से जो जानकारी सामने आ रही है उसमें नक्सली हमले की आशंका जतायी जा रही है।

झारखंड (Jharkhand) में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष कराने के लिए पुलिस प्रशासन पुख्ता तैयारी कर रहा है। लेकिन विभागीय सूत्रों से जो जानकारी सामने आ रही है उसमें नक्सली हमले की आशंका जतायी जा रही है। बताया जा रहा है कि लातेहार, गुमला, सरायकेला व चाईबासा में नक्सलियों की गतिविधि ठप है।

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सांकेतिक तस्वीर

झारखंड (Jharkhand) में कौन नक्सली क्या कर रहा है इसकी जानकारी भी पुलिस तक सही से नहीं आ पा रही है। नक्सली दस्ता पिछले दो सप्ताह से मोबाइल या अन्य कोई साधन का प्रयोग उक्त जिलों में नहीं कर रहा है और न ही खुफिया तंत्र को नक्सलियों के बारे में सटीक जानकारी मिल पा रही है। पुलिस के अफसर आशंका जता रहे हैं कि नक्सलियों की चुप्पी खतरे का अंदेशा है। संभव है नक्सलियों के एक्सप्लोसिव विशेषज्ञ आईईडी और अन्य विस्फोटक सामग्री तैयार कर रहे हों, जिसका उपयोग वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाने में करें।

झारखंड (Jharkhand) के चतरा जिले में भी पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों की गतिविधि बढ़ी हैं। गौतम दस्ता जिले में सक्रिय है। इसी तरह बोकारो जिले के चतरोचट्टी और गोमिया थाना के बीच के इलाके में मिथलेश की सक्रियता को देखते हुए पुलिस लगातार सतर्कता बरत रही है। लेकिन उस इलाके में सबकुछ सामान्य नहीं है। लातेहार में भी बूढ़ा पहाड़ से नीचे महुआडांड़ से नेतरहाट वाला इलाका भी डेंजर जोन माना जाता है। हालांकि, इस इलाके में जगह-जगह सीआरपीएफ का कैंप है। उधर, सरायकेला के कुचाई के इलाके में भी नक्सलियों का दस्ता मौजूद है, लेकिन फिलहाल उनकी कोई गतिविधि सामने नहीं आ रही है।

इसी तरह चाईबासा में अनल दा की मौजूदगी के बाद भी नक्सलियों की किसी तरह की गतिविधि नहीं होना पुलिस के लिए चिंता का विषय है। माना जा रहा है कि यह किसी तूफान के पहले के सन्नाटे की तरह है। प्रदेश में चुनावी माहौल और नक्सली खतरे को देखते हुए वर्तमान में करीब 5200 स्पेशल पुलिस अफसर (एसपीओ) तैनात हैं। इनमें से 24 जिले के 4200 एसपीओ हैं। जबकि एक हजार के करीब एसपीओ विशेष शाखा के हैं। सभी को नक्सलियों की हर गतिविधि पर नजर रखने का कड़ा निर्देश विभाग की ओर से दिया गया है।

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