झारखंड: नक्सली नुनूचंद पर 3 थानों में दर्ज हैं 72 केस, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला- मुझसे भूल हो गई

नुनूचंद (Nunuchand) से बीते 4 दिनों में हुई पूछताछ में पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा। उसने नक्सली संगठन या बड़े नक्सली नेताओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

Nunuchand

सरेंडर करने के बाद 5 लाख का इनाम लेता नक्सली नुनूचंद महतो

48 साल का नुनूचंद (Nunuchand) महतो अपने गांव भेलवाडीह में तो एक ही नाम से जाना जाता है, लेकिन पीरटांड इलाके में उसके कई नाम हैं। उसे नुनूलाल, टाइगर उर्फ गांधी और नेताजी जैसे नामों से भी जाना जाता है।

गिरिडीहः 5 लाख के इनामी नक्सली नुनूचंद (Nunuchand) महतो के सरेंडर करने के 4 दिन बाद मंगलवार को झारखंड की गिरिडीह पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी अमित रेणु ने बताया कि 5 लाख के इनामी नक्सली नुनूचंद महतो ने सरेंडर कर दिया है।

हालांकि नक्सली नुनूचंद से बीते 4 दिनों में हुई पूछताछ में पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा है। उसने नक्सली संगठन या बड़े नक्सली नेताओं के बारे में कोई बड़ी जानकारी नहीं दी।

48 साल का नुनूचंद (Nunuchand) महतो अपने गांव भेलवाडीह में तो एक ही नाम से जाना जाता है, लेकिन पीरटांड इलाके में उसके कई नाम हैं। उसे नुनूलाल, टाइगर उर्फ गांधी और नेताजी जैसे नामों से भी जाना जाता है।

गिरीहीड पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नक्सली नुनूचंद को बुके दिया और 5 लाख का चेक देकर उत्साह बढ़ाया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरेंडर करने वाले नक्सली नुनूचंद ने भी नक्सलवाद पर चलने वाले युवाओं से अपील करते हुए कहा कि हिंसा के रास्ते को छोड़कर मुख्यधारा में लौट आओ। नुनूचंद ने कहा कि नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर उसे अच्छा लग रहा है।

नक्सली नुनूचंद ने साल 2008 में गोविंद मांझी के कहने पर हार्डकोर माओवादी अजय महतो के दस्ते को ज्वाइन किया था। जितने साल में उसने खुद को नक्सलवाद से जोड़कर बर्बाद किया, इतने ही सालों में उसके 3 बच्चे सरकारी और प्राइवेट स्कूल में शिक्षा हासिल कर एक आदर्श जीवन जी रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि नक्सली नुनूचंद पर 72 से ज्यादा नक्सली मामले दर्ज हैं। इसमें सबसे ज्यादा गिरिडीह के थानों में 59 मामले हैं। वहीं बोकारो में 4 और धनबाद में 9 केस दर्ज हैं।

Jharkhand: पहले भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है कुख्यात नक्सली नुनूचंद, चकमा देकर ऐसे बच निकला था

गिरिडीह के एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नुनूचंद पर गिरिडीह में कौन-कौन से बड़े मामले दर्ज हैं। ये रही उन मामलों की जानकारी।

इस नक्सली ने साल 2010 में पीरटांड थाने के पूरनानगर और पांडेयडीह में एसआईएस के वाहन को बम से उड़ाकर एजेंसी के 5 जवानों की हत्या की।

इस नक्सली ने साल 2014 में सांई वर्धन के 3 शोधकर्ताओं का अपहरण किया और ढोलकट्टा के पारसनाथ पहाड़ में मुठभेड़ के दौरान बम विस्फोट कर जवान की हत्या की। इसके अलावा भी उस पर कई मामले दर्ज हैं।

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