झारखंड: गुमला के तबेला गांव में नक्सली मूवमेंट बंद हुआ, विकास की उम्मीद में ग्रामीण

एक दौर में यहां नक्सलियों (Naxalites) का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन सुरक्षाबलों की दबिश के बाद से यहां नक्सलियों का आना-जाना बंद हो गया।

Naxalites

तबेला गांव नक्सली (Naxalites) इलाका था, इसलिए यहां विकास के काम रुके हुए थे, लेकिन अब यहां नक्सल मूवमेंट बंद हो चुका है तो ग्रामीण सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनके गांव में भी विकास हो।

गुमला: झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ अभियान जारी है। इसका नतीजा ये निकला है कि राज्य में नक्सली गतिविधियों में काफी कमी आई है।

ताजा मामला गुमला का है। नक्सलियों के डर से जो युवक गांव छोड़कर चले गए थे, वे अब वापस लौटने लगे हैं। सुरक्षाबलों द्वारा नक्सली गतिविधियों पर नकेल कसने की वजह से ऐसा हो पाया है।

ऐसे में गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के बारडीह पंचायत स्थित तबेला गांव विकास की राह देख रहा है। ये गांव गुमला से करीब 85 किमी दूर है। एक दौर में यहां नक्सलियों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन सुरक्षाबलों की दबिश के बाद से यहां नक्सलियों का आना-जाना बंद हो गया।

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यहां के ग्रामीणों का कहना है कि अब यहां नक्सली नहीं हैं, फिर भी गांव का विकास नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव में बिजली, सड़क, गरीबों को राशन, पक्का घर और स्वास्थ्य सुविधा होनी चाहिए।

तबेला गांव नक्सली इलाका था, इसलिए यहां विकास के काम रुके हुए थे, लेकिन अब यहां नक्सल मूवमेंट बंद हो चुका है तो ग्रामीण सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनके गांव में भी विकास हो।

तबेला गांव में बिजली नहीं है और यहां के लोग आज भी ढिबरी काल में जी रहे हैं। गांव में सड़क की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार यहां के लोगों की बात सुने।

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