झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम में नक्सली मुठभेड़, पुलिस की गिरफ्त से बच निकला पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप

झारखंड  (Jharkhand) के पश्चिमी सिंहभूम जिले में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ (Naxal Encounter) की हुई। यह मुठभेड़ जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र में हुई।

Naxal Encounter

खूंटी जिले के रनिया और पश्चिम सिंहभूम के गुदड़ी थाना के सीमावर्ती क्षेत्र में 27 सितंबर को प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के दस्ते के साथ पुलिस की मुठभेड़ (Naxal Encounter) हुई।

झारखंड  (Jharkhand) के पश्चिमी सिंहभूम जिले में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ (Naxal Encounter) की हुई। यह मुठभेड़ जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र में हुई। बताया गया है कि पीएलएफआई (PLFI) के नक्सलियों (Naxalites) के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप एक बार फिर पुलिस के साथ से बच निकला है।

जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान नक्‍सली जंगल की ओर भाग गए। पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने 27 सितंबर की शाम यह जानकारी दी। एसपी के मुताबिक, खूंटी जिले के रनिया और पश्चिम सिंहभूम के गुदड़ी थाना के सीमावर्ती क्षेत्र में 27 सितंबर को प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के दस्ते के साथ पुलिस की मुठभेड़ (Naxal Encounter) हुई।

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पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी मौजूद था। हालांकि, क्षेत्र के दुर्गम भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाकर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप भागने में सफल रहा। मुठभेड़ स्थल के पास से पुलिस ने एक लोडेड कारबाइन, 55 जिंदा कारतूस, 29 मोबाइल, 10 पिट्ठू बैग, एक 9 एमएम का मैगजीन, पीएलएफआइ का पर्चा, रसीद सहित बड़ी मात्रा में दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया है।

मुठभेड़ में दोनों ओर से लगभग सवा सौ राउंड गोलियां चली है। पुलिस की ओर से लगभग 50 राउंड फायरिंग की गई है। मुठभेड़ के दौरान सुप्रीमो दिनेश गोप, मार्टिन केरकेटा, तिलकेश्वर गोप, कृष्णा यादव, अवधेश जायसवाल, सहित अन्य हार्डकोर नक्सली शामिल थे। एसपी के अनुासर, उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप और अन्य वांटेड नक्सली रनिया और पश्चिमी सिंहभूम जिले गुदड़ी थाना क्षेत्र में सक्रिय हैं।

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इसके बाद एएसपी अभियान और तोरपा के एसडीपीओ के नेतृत्व में खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम जिला बल, झारखंड जगुआर की पुलिस टीम का गठन किया गया। 27 सितंबर की सुबह लगभग आठ बजे पुलिस द्वारा टेमना और भुड़ इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान पुलिस को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। जिसके बाद पुलिस को भारी पड़ता देखकर नक्सली घने जंगल का लाभ उठा कर भाग निकले।

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