सांकेतिक तस्वीर।
गिरफ्तार पीएलएलएफआई (PLFI) नक्सली (Naxalite) मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप पुलिस के साथ 17 दिसंबर, 2020 को बांदू में हुई मुठभेड़ (Encounter) में शामिल था।
झारखंड (Jharkhand) के गुमला जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई (PLFI) के खिलाफ पुलिस को सफलता मिली है। PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप के खास करीबी रहे कुख्यात उग्रवादी मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप को पुलिस ने 4 अक्टूबर को गुमला से गिरफ्तार कर लिया। जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने 5 अक्टूबर के यह जानकारी दी।
एसपी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि दिनेश गोप, राजेश गोप उर्फ तिलोश्वर और दस्ते के अन्य सदस्यों से मतभेद और नाराजगी के कारण मनीष गोप दस्ता को छोड़कर भाग गया है। उसके साथ पीएलएफआई (PLFI) के अन्य नक्सलियों ने मारपीट भी की थी। इसके बाद मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप दस्ता छोड़कर भाग गया।
सूचना के सत्यापन के बाद खूंटी पुलिस टीम ने गुमला पुलिस की मदद से संदिग्ध स्थलों पर छापामारी की और उसे गुमला से गिरफ्तार कर लिया। मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप खूंटी का रहने वाला है।
एसपी ने बताया कि अपने स्वीकारोक्ति बयान में गिरफ्तार पीएलएलएफआई (PLFI) नक्सली मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप ने कहा कि पुलिस के साथ 17 दिसंबर, 2020 को बांदू में हुई मुठभेड़ में वह शामिल था। इस मुठभेड़ में बिहार के नालंदा का रहने वाला पीएलएफआई सदस्य सोनू सिंह मारा गया था।
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इसके अलावा, 18 मई, 2021 को डिगरी पेराय टोली में हुई मुठभेड़ और 26 जून, 2021 को जतरमा में हुई मुठभेड़ में भी वह शामिल था। इतना ही नहीं, 16 जुलाई, 2021 को बड़ाकेसल में हुई मुठभेड़ में यह नक्सली शामल था। बता दें कि इस मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर शनिचर सुरीन मारा गया था।
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इसके अलावा, 27 सितंबर, 2021 को बुढ़-तुमरूंग जंगल में हुई मुठभेड़ में भी नक्सली मनीष शामिल था। इन सभी मुठभेड़ों में उसने भी पुलिस पर फायरिंग की थी। एसपी ने बताया कि मनीष गोप काफी सक्रिय था और उसका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। उसके खिलाफ खूंटी के रनिया, पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी और गुमला जिले के कमडारा थाने में नक्सली घटनाओं को लेकर आठ मामले दर्ज हैं।
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