Jharkhand: गुमला में सुरक्षाबलों के खिलाफ नक्सलियों की साजिश, जंगलों में बिछा रखा है आईईडी बम

झारखंड (Jharkhand) में नक्सलियों (Naxals) को लेकर बड़ी बात सामने आई है। भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर 15 लाख रुपये का इनामी बुद्धेश्वर उरांव अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में जगह-जगह पर ढाई-ढाई सौ ग्राम का आईईडी बम (IED Bomb) बिछा रखा है।

Naxals

सांकेतिक तस्वीर।

इस एनकाउंटर (Encounter) में बुद्धेश्वर मारा जाता। लेकिन, नक्सलियों ने तीन आईईडी बम ब्लास्ट कर दिया और उसकी आड़ में नक्सली (Naxals) वहां से भाग निकले।

झारखंड (Jharkhand) में नक्सलियों (Naxals) को लेकर बड़ी बात सामने आई है। भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर 15 लाख रुपये का इनामी बुद्धेश्वर उरांव अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में जगह-जगह पर ढाई-ढाई सौ ग्राम का आईईडी बम (IED Bomb) बिछा रखा है, ताकि पुलिस जब जंगल में घुसे तो आईईडी बम की चपेट में जाए। गुमला के पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दनन ने इस बात का खुलासा किया है।

एसपी के मुताबिक, 25 फरवरी को गुमला पुलिस और सीआरपीएफ को पुख्ता सूचना थी कि रोरेद जंगल में बुद्धेश्वर उरांव अपने दस्ते के साथ है। दस्ते में 10 से 12 नक्सली हैं। इस सूचना पर गुमला पुलिस व सीआरपीएफ-218 बटालियन रोरेद जंगल घुसी। जिस जगह पर बुद्धेश्वर उरांव मौजूद था, उस जगह को जवान तीन दिशाओं से घेर रहे थे।

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पर नक्सलियों के नजदीक पहुंचने से पहले ही बुद्धेश्वर को इसकी भनक लग गई और उन्होंने पहले एक आईईडी बम विस्फोट किया, जिससे सीआरपीएफ का जवान घायल हो गया। बम विस्फोट करने के बाद नक्सलियों ने फायरिंग कर दी थी। इसके बावजूद जवान नक्सलियों की ओर बढ़ते रहे।

इस एनकाउंटर (Encounter) में बुद्धेश्वर मारा जाता। लेकिन, नक्सलियों ने तीन आईईडी बम ब्लास्ट कर दिया और उसकी आड़ में नक्सली (Naxals) वहां से भाग निकले। एसपी ने कहा कि जिस रणनीति के तहत रोरेद जंगल में अभियान चला था, पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगने वाली थी।

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बता दें कि इससे पहले 7 फरवरी को भी कोचागानी जंगल के समीप बुद्धेश्वर उरांव के दस्ते के साथ सीआरपीएफ की मुठभेड़ हुई थी। उस समय भी नक्सली (Naxlites) घिर गए थे। लेकिन नक्सलियों ने फायरिंग कर दी थी, जिसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाल लिया था। बाद में नक्सली भाग निकले थे।

भाकपा माओवादी के नक्सली अभी भी कुरूमगढ़ इलाके में मौजूद हैं। यह पूरा इलाका घने जंगल व पहाड़ों से घिरा है। यही वजह है कि जब भी पुलिस नक्सलियों की मांद में घुसती है, नक्सली एक जंगल से दूसरे गांव के जंगल में घुस जाते हैं।

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एसपी के अनुसार, अगर कुरूमगढ़ इलाके के गांव वाले पुलिस की मदद करें तो इस क्षेत्र से नक्सलियों को खत्म कर देंगे। जहां नक्सली रहते हैं अगर ग्रामीण उन इलाकों की सही जानकारी दें तो हम नक्सलियों को उनके मांद में घुस कर मारेंगे।

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