
गिरिडीह से गिरफ्तार नक्सली।
गिरफ्तार नक्सली (Naxali) ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि साल 2017 से लेकर अब तक वह कई नक्सली वारदातों में शामिल रहा है।
झारखंड (Jharkhand) में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ पुलिस (Police) का अभियान तेज है। इस क्रम में राज्य की गिरिडीह पुलिस को एक कुख्यात नक्सली (Naxali) को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। इस कुख्यात नक्सली (Naxalite) की तलाश पुलिस को काफी दिनों से थी।
जानकारी के मुताबिक, 10 अक्टूबर को गिरिडीह जिले के एसपी अमित रेनू को गुप्त सूचना मिली थी कि कुख्यात नक्सली श्यामलाल मुर्मू उर्फ श्याम लाल मांझी खुखरा थाना क्षेत्र के एक गांव में मौजूद है।
सूचना की पुष्टि होने के बाद सीआरपीएफ (CRPF) की 154वीं बटालियन एवं जिला पुलिस बल द्वारा पोखरा थाना क्षेत्र के कई गांवों में सर्च अभियान चलाया गया। इस सर्च अभियान के दौरान एक व्यक्ति पुलिस को देख भागने लगा। लेकिन जवानों ने तत्परता दिखाते हुए उसे दबोच लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम श्याम लाल मुर्मू उर्फ श्याम लाल मांझी बताया।
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गिरफ्तार नक्सली (Naxali) ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि साल 2017 से लेकर अब तक उसने कई नक्सली वारदातों को अंजाम देने में नक्सली कमांडर नूनू चंद महतो का साथ दिया है।
इन नक्सली वारदातों में पुलिस पार्टी पर हमला, मुखिया पुत्र की हत्या और सड़क पर बम प्लांट कर विस्फोट करना शामिल हैं। इसके अलावा दर्जनों नक्सली घटनाओं में इस नक्सली का हाथ रहा है। यह जानकारी गिरिडीह एसपी अमित रेनू ने 11 अक्टूबर को एक प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को दिया।
इन घटनाओं में रहा है शामिल
एसपी ने बताया कि पूछताछ के क्रम में गिरफ्तार नक्सली (Naxali) ने बताया कि साल 2017 में हल्दी बेडा-बोदरो सड़क निर्माण कार्य में लगे मुंशी शमशेर की हत्या गला काटकर की गई थी, जिसमें वह शामिल था।
इसके अलावा साल 2017 में ही बाबू चंद्र हेंब्रम के घर मेरम गोंडा में कुख्यात अजय महतो और नुनू चंद्र महतो ने एक बैठक किया था, जिसमें इन नक्सलियों ने सड़कों पर विस्फोटक प्लांट कर पुलिस पार्टी और सीआरपीएफ के जवानों पर हमना करने की योजना बनाई थी। नक्सलियों की इस मीटिंग में यह गिरफ्तार नक्सली भी मौजूद था।
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गिरफ्तार नक्सली श्यामलाल ने पुलिस को बताया कि साल 2018 में नुनुचंद महतो के साथ मिलकर मुखिया पुत्र ओम प्रकाश महतो को मारपीट तथा उसके बोलेरो वाहन को आग लगाने की घटना में भी वह शामिल था। साल 2018 में ही बांध गांव के पास सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहनों को भी जलाने की घटना में भी वह शामिल था।
इसके अलावा, साल 2018 में इस नक्सली ने अपने साथियों के साथ मिलकर जोलहतांड के पास बिशुनपुर खेता डाबर मुख्य मार्ग पर सदाकत अंसारी उर्फ रामेश्वर मियां की गला काटकर हत्या कर दी थी। बता दें कि पुलिस ने साल 2018 में नक्सली श्यामलाल के सहयोगी बेजुन किस्कु उर्फ जूना मरांडी की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर छिपाकर रखे गए विस्फोटक को बरामद किया था।
5 साल पहले नक्सली संगठन में हुआ था शामिल
गिरफ्तार नक्सली श्यामलाल ने बताया कि करीब 5 साल पहले वह नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में शामिल हुआ था। उसके गांव में एक राजनीतिक पार्टी का दबदबा था, उक्त राजनीतिक पार्टी के स्थानीय कुछ कार्यकर्ताओं ने उसकी मां एवं पत्नी को प्रताड़ित किया था। इसी का बदला लेने के लिए वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ। पर, नक्सलियों का साथ देते-देते वह इस दलदल में धंसता चला गया। उसने कई निर्दोष लोगों की जान ली।
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