झारखंड: नक्सल प्रभावित इलाके में CRPF ने ग्रामीणों को पहुंचाई मदद, कहा- संबंधों में विश्वास का होना जरूरी

अजय कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को नक्सलियों (Naxalites) द्वारा बहला-फुसलाकर मुख्य मार्ग से भटकाया जाता है। लेकिन पुलिस उन्हें समझाती है।

Naxalites

सीआरपीएफ अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को नक्सलियों (Naxalites) द्वारा बहला-फुसलाकर मुख्य मार्ग से भटकाया जाता है। लेकिन पुलिस उन्हें समझाती है कि नक्सलवाद किसी भी समस्या का हल नहीं है। 

गिरिडीह: झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच नक्सल प्रभावित निमियाघाट थाना क्षेत्र के कोटा गांव में सीआरपीएफ 154 बटालियन के जवानों ने ग्रामीणों को दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएं बांटी हैं।

ये वस्तुएं सिविक एक्शन प्लान के तहत गरीब ग्रामीणों के बीच इसलिए बांटी गई हैं, जिससे पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास बढ़े। जवानों ने ग्रामीणों को मच्छरदानी, खेलकूद सामग्री, किताबें, एलईडी बल्ब, पानी रखने का सामान, घरेलू बर्तन समेत कई वस्तुएं दी हैं।

इस बारे में सीआरपीएफ अधिकारी अजय कुमार रजनिकर ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुलिस और पब्लिक के बीच में विश्वास बढ़ाना और अच्छे संबंध कायम करना है। ऐसे कार्यक्रम से कई लोगों को लाभ मिलता है।

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उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ की ओर से ऐसे कार्यक्रम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के कई गांवों में चलाए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने इसकी खूब तारीफ की है।

अजय कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को नक्सलियों (Naxalites) द्वारा बहला-फुसलाकर मुख्य मार्ग से भटकाया जाता है। लेकिन पुलिस उन्हें समझाती है कि नक्सलवाद किसी भी समस्या का हल नहीं है। इसलिए नक्सलियों के बहकावे में ना आएं और अपना जीवन नरक करने से बचें।

उन्होंने ये भी कहा कि नक्सलवाद का कोई धर्म नहीं होता है। जो भी लोग नक्सलवाद के चंगुल में फंसे हैं, वह नक्सलवाद को छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं और सामाजिक जीवन का आनंद लें।

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