झारखंड: पुलिस के सामने सरेंडर करना ही नक्सलियों के पास अब एकमात्र विकल्प

पुलिस के समक्ष सरेंडर करना ही नक्सलियों के पास अब एकमात्र विकल्प रह गया है। नक्सलियों को सरकार और प्रशासन का प्रस्ताव मान लेना (Chatra) चाहिए।

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पुलिस के समक्ष सरेंडर करना ही नक्सलियों के पास अब एकमात्र विकल्प रह गया है।

पुलिस के समक्ष सरेंडर करना ही नक्सलियों के पास अब एकमात्र विकल्प रह गया है। नक्सलियों को सरकार और प्रशासन का प्रस्ताव मान लेना (Chatra) चाहिए। सरेंडर करने से नक्सलियों को कई लाभ मिलेंगे। यह बात झारखंड के चतरा जिले के पुलिस अधीक्षक अखिलेश बी वारियर ने संवाददाता सम्मेलन में कही।

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चतरा जिले के पुलिस अधीक्षक अखिलेश बी वारियर

चतरा (Chatra) जिले के पुलिस अधीक्षक अखिलेश बी वारियर ने कहा कि सरकार के सरेंडर पॉलिसी में नक्सलियों के लिए कई योजनाएं हैं। नक्सली अगर समय रहते सरेंडर कर देते हैं तो उनका आगे का जीवन सही तरीके से शांतिपूर्वक बीत सकता है। ऐसे में नक्सलियों को अब पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने अब टॉप मोस्ट नक्सलियों को अपने टारगेट पर ले लिया है। इसमें भाकपा माओवादी के साथ टीएसपीसी के भी सुप्रीम कमांडर शामिल हैं। समय रहते इन नक्सलियों ने अगर सरेंडर नहीं किया तो इनके विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जाएगी। पुलिस किसी भी सूरत में इन नक्सलियों को ढूंढ निकालेगी।

गौरतलब है कि झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा सरहे अभियान के दौरान बीते 2 नवंबर को झारखंड के चतरा (Chatra) जिले के लावा लॉन्ग प्रखंड के जंगलों में नक्सलवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च अभियान के दौरान पुलिस और टीपीसी नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में जवानों ने एक नक्सली को मौत के घाट उतारने दिया। साथ ही कई नक्सलियों के घायल होने की भी सूचना है। इस एनकाउंटर में दर्जनों राउंड गोलियां चलीं। हालांकि कुछ घायल नक्सली भागने में सफल रहे। परंतु मारे गए नक्सली के शव को पुलिस अपने कब्जे में ले लिया।

पुलिस ने एक एसएलआर हथियार एवं कारतूस भी बरामद किया। चतरा (Chatra) पुलिस बल, सीआरपीएफ एवं लातेहार पुलिस संयुक्त रूप से इस क्षेत्र में अभियान चला रही थी, जिस दौरान यह घटना हुई। मुठभेड़ के बाद इलाके के जंगलों में सर्च अभियान और तेज कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को यह सूचना मिल रही थी कि लावालोंग के जंगलों में झारखंड सहित छत्तीसगढ़ के कुछ नक्सली जंगल में झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़ी घटना को अंजाम देने की रणनीति बना रहे हैं। इसी सूचना पर झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार चतरा (Chatra) एवं लातेहार जिला के साथ-साथ सीआरपीएफ द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा था। 2 नवम्बर को तलाशी अभियान के दौरान ही जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। हालांकि इस मुठभेड़ में किसी भी पुलिस के जवान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

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