जम्मू-कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 3 आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। सुरक्षा बलों को यहां के त्राल इलाके में आतंकियों के होने की खुफिया जानकारी मिली थी।

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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। यहां के त्राल इलाके में आतंकियों के होने की खुफिया जानकारी मिली थी।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। सुरक्षा बलों को यहां के त्राल इलाके में आतंकियों के होने की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया गया। इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोली चलाई। काफी देर तक गोलीबारी चलती रही। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी ढेर हो गए। इससे पहले पांच मार्च को भी त्राल में ही हुई एक मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए थे। एक मार्च को कुपवाड़ा में हुई एक मुठभेड़ में भी सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था।

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के इस मुठभेड़ में मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि मारे गए आतंकियों में मुदस्सिर अहमद खान उर्फ मोहम्मद भाई भी शामिल है। मुठभेड़ के दौरान जैश ए-मोहम्मद का आतंकवादी मुदासिर अहमद उर्फ ‘मोहम्मद भाई’ मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक है। इन तीनों आतंकवादियों का शव बुरी तरह से जल गया है। जिसके कारण उनकी पहचान नहीं हो पाई। हालांकि उनकी पहचान के प्रयास जारी हैं। तीनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। फिलहाल मुठभेड़ स्थल को घेरा हुआ है।

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23 साल का मुदासिर अहमद खान पेशे से इलेक्ट्रिसियन था और स्नातक पास था। त्राल के मीर मोहल्ले के रहने वाले मुदस्सिर ने 2017 में एक ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जॉइन किया था। बाद में नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ ‘नूर त्राली’ ने उसको आतंकवादी संगठन में शामिल कर लिया। दिसंबर 2017 में तांत्रे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मुदस्सिर अपने घर से 14 जनवरी 2018 को फरार हो गया था।

उसके बाद से ही वह जैश की साजिश में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि वह आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार के लगातार संपर्क में था। आदिल ने ही सीआरपीएफ के काफिले में चल रही बस में विस्फोटकों से लदी कार से टक्कर मारी थी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ पर हुए हमले के बाद से राज्य में मुठभेड़ों का सिलसिला जारी है। इसके बाद से राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।

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