जम्मू-कश्मीर: घाटी में हालात बिगाड़ने की फिराक में हैं आतंकी संगठन, रच रहे ये साजिश

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकियों (Terrorists) के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आए दिन हो रही मुठभेड़ों (Encounter) में बड़े आतंकी कमांडरों का सफाया हो रहा है।

Terrorists

सांकेतिक तस्वीर।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकियों (Terrorists) के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आए दिन हो रही मुठभेड़ों (Encounter) में बड़े आतंकी कमांडरों का सफाया हो रहा है। सुरक्षाबलों द्वारा कसे जा रहे शिकंजे की वजह से आतंकी बौखलााए हुए हैं। अपनी बौखलाहट में आकर वे घाटी में हालात बिगाड़ने की फिराक में लगे हुए हैं।

आतंकी स्थानीय मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की फिराक में भी हैं। अपने इस नापाक इरादे को अंजाम देने के लिए वे अल्पसंख्यकों और धर्मस्थलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। आतंकियों के मंसूबों के मद्देनजर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के बाद प्रशासन ने अल्पसंख्यक बस्तियों और धर्मस्थलों की सुरक्षा और कड़ी करनी शुरू कर दी है।

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सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों (Terrorists) ने कश्मीर में सुरक्षाबलों का ध्यान भटकाने के लिए हिंसक प्रदर्शन की साजिश रची है। इसके तहत घाटी में धर्मस्थलों को निशाना बनाया जाएगा। आतंकी संगठनों ने इस साजिश को तीन महीने पहले से ही शुरू कर दिया गया था। तब श्रीनगर में शिया समुदाय के कुछ धर्मस्थलों, एक मंदिर और एक अन्य धर्मस्थल पर पेट्रोल बम से हमला किया गया था। तब पुलिस की सतर्कता और स्थानीय लोगों के संयम से स्थिति काबू में कर ली गई थी।

अब एक बार फिर आतंकी (Terrorists) हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में हैं। जानकारी के मुताबिक, इसके लिए वे अल्पसंख्यक बस्तियों पर हमले कर, उनमें असुरक्षा की भावना पैदा करने की कोशिश करेंगे। सूत्रों के अनुसार, अल्पसंख्यकों पर हमलों के पीछे आतंकियों का मकसद कश्मीर में देश के अन्य भागों से लोगों के आने-जाने पर रोक लगाना है। साथ ही देश भर में सांप्रदायिक उन्माद पैदा करना है।

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लोगों को भड़काने के लिए आतंकी संगठन (Terrorist Organizations) अब सोशल मीडिया और अपने ओवरग्राउंड नेटवर्क का सहारा ले रहे हैं। यहां तक कि जम्मू में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर इस्लाम के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद को लेकर हुई एक आपत्तिजनक टिप्पणी के सहारे भी कश्मीर के लोगों को धीरे-धीरे भड़काया जा रहा है।

हालांकि, पुलिस टिप्पणी करने वालों को गिरफ्तार कर चुकी है। जम्मू में मुस्लिम समुदाय पूरी तरह शांत है, लेकिन कश्मीर में इस मुद्दे पर प्रदर्शन भी होने लगे हैं। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के मद्देनजर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने अल्पसंख्यकों के मोहल्लों, बस्तियों और सभी धर्मस्थलों की सुरक्षा की समीक्षा शुरू कर दी है।

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मोहल्ला और मस्जिद कमेटियों के पदाधिकिारियों के साथ लगातार संवाद किया जा रहा है। इन इलाकों में सुरक्षाबलों की गश्ती बढ़ाई जा रही है। साथ ही सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। धर्मस्थलों पर पुलिस का बंदोबस्त किया जा रहा है। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। ।

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