
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 13 सितंबर को आतंकियों ने महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के एक नेता की सुरक्षा में तैनात एक प्रोटेक्टिव सर्विस अफसर (पीएसओ) से हथियार छीन लिया।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 13 सितंबर को आतंकियों ने महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के एक नेता की सुरक्षा में तैनात एक प्रोटेक्टिव सर्विस अफसर (पीएसओ) से हथियार छीन लिया। पीएसओ से हथियार छीनकर आतंकी भाग निकले। आतंकियों की तलाश की जारी है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। इससे आतंकियों पर काफी हद तक शिकंजा कसा है। बावजूद इसके आतंकी अपनी नापाक हरकतों के लिए कोई न कोई मौका ढूढ़ लेते हैं। किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर अंग्रेज सिंह राणा के मुताबिक, पीडीपी के जिला अध्यक्ष शेख नासिर के पीएसओ से बंदूक छीन ली गई।
यह घटना गुरियां इलाके की है। पुलिस आतंकियों की तलाश कर रही है। इलाके में जगह-जगह घेराबंदी कर दी गई है और चेक प्वाइंट्स पर तलाशी ली जा रही है। इससे पहले 11 सितंबर को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष आतंकवादी आसिफ मकबूल भट्ट को मार गिराया गया। इस आतंकी ने सोपोर में एक सेब व्यापारी के परिवार पर हमला किया था। हमले में एक तीन साल की बच्ची सहित 4 लोग घायल हो गए थे। जिसके बाद आतंकवादी आसिफ मकबूल भट्ट को पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में सोपोर में मार गिराया गया। गोलीबारी के दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
लेकिन उन्हें खतरे से बाहर बताया जा रहा है। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, “जब हमने भट्ट को घेरा तो उसने हम पर हमला किया। उसने हम पर ग्रेनेड फेंके। कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए लेकिन अब वे खतरे से बाहर हैं। मुठभेड़ में आतंकवादी मारा गया है।” सिंह ने कहा कि भट्ट वही आतंकवादी है, जिसने सोपोर सेब मंडी के प्रमुख फल उत्पादक और डांगेरपोरा इलाके के रहने वाले हाजी हमीदुल्लाह राथर के परिवार पर 8 सितंबर को हमला किया था।
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