जम्मू कश्मीर: आतंकियों ने SPO के घर में घुसकर मचाया मौत का तांडव, मां की बांहों से लिपटे 18 माह के मासूम को जमीन पर पटका

सायमा ने कहा, ‘मैंने उनसे जान की भीख मांगी लेकिन उन्होंने मेरे बच्चे को भी नहीं छोड़ा। ससुरालवालों की तरह कहीं मुझे भी गोली न मार दी जाए, इस डर से मेरी चीखने की हिम्मत नहीं हुई।

Militants

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों (Militants) ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) फयाज अहमद भट के घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। इनमें एक पाकिस्तानी आतंकी और एक स्थानीय आतंकी शामिल था। हमले में एसपीओ, उनकी पत्नी और उनकी बेटी तीनों की मौत हो गई। इन हैवानों ने मां की बांहों से लिपटे 18 महीने के मासूम पर भी रहम नहीं दिखाया और उसे जमीन पर पटक दिया। वहीं इस घटना में गंभीर रूप से घायल एसपीओ फयाज की 21 साल की बेटी रफीका की भी सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।

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आतंकियों (Militants) ने अवंतिपोरा स्थित हरिपरिगाम गांव स्थित एसपीओ के घर पर हमला किया था। एके-47 लहराते हुए आतंकियों  ने फयाज भट के घर का दरवाजा खटखटाया था, उनके चेहरे ढके हुए थे। जैसे ही एसपीओ ने दरवाजा खोला, ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार होने लगी। पहले पुलिस अधिकारी और फिर उनकी पत्नी रजा बानो अगला शिकार बनीं।

अचानक हुई गोलीबारी में अपने माता-पिता को बचाने के लिए दौड़ी उनकी बेटी रफीका को भी आतंकियों (Militants) ने गोलियों से छलनी कर दिया। इस दौरान भट की बहू सायमा भी घर पर ही थीं जो अपने बच्चे को गोद में लेकर खिला रही थीं। आतंकियों (Militants) ने उन्हें और उनके बच्चे को भी लातें मारीं। जान बचाने के लिए सायमा सुरक्षित ठिकाने की ओर भागी।

सायमा ने कहा, ‘मैंने उनसे जान की भीख मांगी लेकिन उन्होंने मेरे बच्चे को भी नहीं छोड़ा। ससुरालवालों की तरह कहीं मुझे भी गोली न मार दी जाए, इस डर से मेरी चीखने की हिम्मत नहीं हुई। मैं अपने बच्चे को उठाकर दूसरे कमरे में भागी। जब आतंकी चले गए तब ही जाकर मेरी चीख निकली और मैं जोर-जोर से रोने लगी।’

सायमा के पति लियाकत फयाज प्रादेशिक सेना में कार्यरत हैं और पुलवामा में ही तैनात हैं। हमले के वक्त वह ऑन ड्यूटी थे। पत्नी की कॉल पर जब वह घर पहुंचे तो उनके माता-पिता की मौत हो चुकी थी जबकि छोटी बहन की सांसें चल रही थीं। रफीका को श्रीनगर के एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया गया जहां सोमवार तड़के उनकी मौत हो गई।

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