आतंकियों से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को मिलेंगे ड्रोन

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को 50 ड्रोन मिलेंगे। जम्मू-कश्मीर पुलिस इन ड्रोन के जरिए आसमान से भी आतंकियों पर नजर रखेगी।

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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को 50 ड्रोन मिलेंगे।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद (Terrorism) और आतंकियों से लोहा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को 50 ड्रोन मिलेंगे। जम्मू-कश्मीर पुलिस इन ड्रोन के जरिए आसमान से भी आतंकियों पर नजर रखेगी। इससे उनकी निगरानी और भी मजबूत हो जाएगी। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी भी मिल चुकी है। इन ड्रोनों से पुलिस आतंकी गतिविधियों और प्रदर्शनकारियों पर अपनी पैनी नजर रख सकेगी।

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अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस की जम्मू-कश्मीर पुलिस की प्रोक्योरमेंट विंग द्वारा निविदाएं पहले ही मंगाई जा चुकी हैं। इस महीने तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। इस महीने के आखिरी तक जम्मू-कश्मीर पुलिस को ड्रोन मिलने से जवान आसमान पर भी अपनी नजर बनाए रख सकेंगे।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘हमने ड्रोन की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिया है और इस प्रक्रिया के पूरे होने पर पुलिस को यूएवी यानी ड्रोन हासिल हो जाएंगे।’ हालांकि, उन्होंने ड्रोन से संबंधित अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। अधिकारी के मुताबिक, ड्रोन सिस्टम कैटेगरी तीन के होंगे, जिसे लेटेस्ट माना जाता है। इस ड्रोन को विशेष रूप से आवश्यक तकनीक से लैस किया गया है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर पुलिसे के लिए इन ड्रोन्स का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि कानून और व्यवस्था से निपटने के अलावा जम्मू -कश्मीर पुलिस आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल है।

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यही वजह है कि पुलिस को इन ड्रोनों के जरिए घाटी के हालातों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। साथ ही आतंकियों के ठौर-ठिकानों के बारे में जानकारी हासिल हो सकती है। बताया जा रहा है कि इन ड्रोन को राज्य के अलग-अलग जिलों के पुलिस मुख्यालयों में तैनात किया जाएगा। घाटी के अलग-अलग इलाकों और लाइन ऑफ कंट्रोल के जंगली इलाकों में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पिछले कुछ सालों से सेना यूएवी का इस्तेमाल कर रही है।

इतना ही नहीं, आर्मी कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में एनकाउंटर के दौरान भी छोटे यूएवी ड्रोन का इस्तेमाल करती है। गौरतलब है कि पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ड्रोन के लिए सेना पर निर्भर रहा करती थी। यानी ड्रोन के इस्तेमाल के लिए सेना की इकाइयों से सहायता लेनी पड़ती थी। पर अब खरीद प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिस के पास खुद का ड्रोन होगा, जो घाटी के हालात पर नजर रखने में कारगर साबित होंगे। बता दें कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पाकिस्तान स्थिति आतंकी संगठन घाटी में आतंकी हमले करने की फिराक में हैं।

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