जम्मू-कश्मीर: घाटी में सब शांति-शांति है, एक हफ्ते से नहीं चली एक भी गोली

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में हो रही हिंसा को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, सरकार को बताना चाहिए कि वहां क्या चल रहा है।

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गृह मंत्रालय के बाद अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर में गोलीबारी की घटनाओं की मीडिया रिपोर्टों को सिरे से नकार दिया है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) समाप्त करने के बाद वहां की स्थिति पर कई तरह के सवाल उठाए गए। घाटी के हालात को लेकर चिंता जताई गई थी। गृह मंत्रालय के बाद अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर में गोलीबारी की घटनाओं की मीडिया रिपोर्टों को सिरे से नकार दिया है। साथ ही कहा है कि लगभग एक सप्ताह से वहां पर एक भी गोली नहीं चलाई गई है। घाटी में स्थिति बिल्कुल शांत है। दरअसल, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में हो रही हिंसा को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, सरकार को बताना चाहिए कि वहां क्या चल रहा है।

जब उनसे पूछा गया कि अध्यक्ष के चयन का क्या हुआ तो उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर चर्चा की वजह से बैठक रोकनी पड़ी। राहुल ने कहा, कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं। कुछ रिपोर्टों में जम्मू-कश्मीर में हिंसा की खबरें चल रही हैं। यह बेहद चिंताजनक है। सरकार को यह बताना चाहिए कि वहां क्या हो रहा है। कार्यसमिति की बैठक रोक दी गई और यह रिपोर्ट आई कि जम्मू-कश्मीर में हालात बदतर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को पारदर्शिता के साथ देश को यह बताना चाहिए कि वहां क्या हो रहा है।

इसके तुरंत बाद कश्मीर के आईजी पुलिस एसपी पाणि ने 10 अगस्त को कहा कि पिछले पांच दिनों में हमने एक भी गोली नहीं चलाई है। इस दौरान कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस तरह की खबरें चल रही हैं कि पुलिस ने घाटी में फायरिंग की है। जो पूरी तरह गलत और भ्रामक हैं। 10 अगस्त की देर रात जारी एक बयान में कहा कि लोगों को घाटी में गोलीबारी की घटनाओं के बारे में किसी भी शरारती और भ्रामक खबरों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। घाटी में स्थिति शांत है, लोग सहयोग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019, जम्मू-कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक 2019, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने वाले प्रस्ताव को लोकसभा और राज्यसभा में पारित किया गया था। जिस समय अनुच्छेद 370 को रद्द किया गया, उस वक्त केंद्र सरकार ने किसी भी संभावित अप्रिय घटना को नियंत्रित करने के लिए घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की थी।

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