जम्मू कश्मीर: सिर्फ 2 महिला IAS और IPS अफसर हैं तैनात

सहरीश साल 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं तो वहीं नित्य 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। सरकार ने असगर को राज्य के लोगों को अपने नजदीकियों से फोन कॉल पर बातचीत की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी है।

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इस वक्त जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बस दो महिला आईएएस और आईपीएस अधिकारी तैनात हैं और दोनों ही अहम भूमिका अदा कर रही हैं।

इस वक्त जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बस दो महिला आईएएस और आईपीएस अधिकारी तैनात हैं और दोनों ही अहम भूमिका अदा कर रही हैं। दोनों ही आम लोगों से लेकर वीवीआईपी की हिफाजत कर रही हैं। महिला अधिकारियों के नाम डॉक्टर सैयद सहरीश असगर और पी के नित्य हैं। सहरीश साल 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं तो वहीं नित्य 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस नित्य को बेहद संवेदनशील माने जाने वाले राम मुंशी बाग और हरवन दागची गांव के बीच 40 किलो मीटर लंब इलाके की जिम्मेदारी दी गई है। यह वह इलाका हैं जहां वीआईपी लोगों को हिरासत में लेकर रखा गया है। इसके साथ ही इस इलाके में ही गवर्नर का आवास भी मौजूद है।

सहरीश साल 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं तो वहीं नित्य 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। सरकार ने असगर को राज्य के लोगों को अपने नजदीकियों से फोन कॉल पर बातचीत की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी है। सरकार ने इसके लिए जगह-जगह फोन बूथ बनाए हैं। यही नहीं बीमारों को समय पर ईलाज मिले इसके लिए उन्हें स्वास्थ्य व्यवस्था संभालने की भी जिम्मेदारी दी गई है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से सेना और स्थानीय पुलिस आपसी तालमेल के जरिए राज्य में शांतिपूर्ण माहौल कायम रखे हुए है। मोदी सरकार के एतिहासिक फैसला लेने के बाद जम्मू-कश्मीर से अब तक किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं है।

लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि महज 2 महिला अधिकारी इस सुरक्षा व्यवस्था को देख रही हैं। असगर का एक साल का बेटा है और उनके पास एमबीबीएस की डिग्री है। डॉक्टरी का पेशा छोड़ उन्होंने सिविल सर्विस का रुख किया। वह कहती हैं ‘एक डॉक्टर के तौर पर मरीजों का इलाज किया करती थी। लेकिन आज घाटी में हालात बदल चुके हैं। फिलहाल हमें एक ही समय पर सख्ती और भावनात्मक सहयोग दोनों की ही जरूरत है। छत्तीसगढ़ की रहने वाली 28 वर्षीय नित्य जो कि सीमेंट कंपनी में मैनेजर पद पर काम कर चुकी हैं। वह कहती हैं ‘आम नागरिकों की सुरक्षा मुहैया कराने के अलावा मेरे पास वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी है।’

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