जम्मू कश्मीर सरकार का मास्टर स्ट्रोक- पत्थरबाजों और हुड़दंगियों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, पासपोर्ट बनाने से भी इनकार

सरकारी योजना के संबंध में जब किसी व्यक्ति की जांच करते हुए उसकी सुरक्षा मंजूरी रिपोर्ट तैयार करनी है तो इस बात का खास ध्यान रखा जाए कि वह शख्स कानून व्यवस्था भंग करने में लिप्त न रहा हो।

Jammu Kashmir Police

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने वालों या पत्थरबाजी की पृष्ठभूमि वाले लोगों की अब खैर नहीं। पुलिस (Jammu Kashmir Police) की ओर से ऐसे अपराधिक तत्वों के खिलाफ और कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे आरोपित लोगों को अब किसी भी तरह से पासपोर्ट या सरकारी सेवा के लिए क्लीयरेंस नहीं की जाएगी।

राजस्थान पुलिस की पहली महिला डीजी बनीं IPS नीना सिंह, बड़े-बड़े केस साल्व करने में हैं माहिर

मालूम हो कि इससे पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले शासन ने ऐसे सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने का कदम उठाया जो कि सरकारी नौकरी में रहते हुए अलगाववाद अथवा आतंकवाद में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से मददगार रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, ऐसे सरकारी कर्मचारियों को लेकर खुफिया विभाग अपनी जांच लगातार बढ़ा रहा है जिससे उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सके। इस बीच अब राज्य पुलिस (Jammu Kashmir Police) ने अपने खुफिया विंग से अपने सभी क्षेत्रीय स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे तत्वों को पासपोर्ट या सरकारी नौकरी के लिए सुरक्षा मंजूरी न दें जो कि पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल रहे हैं।

बताया गया कि इस बाबत राज्य पुलिस (Jammu Kashmir Police) की विशेष शाखा के एसएसपी ने अपने अधीनस्थ सभी अफसरों व कर्मियों को एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि पासपोर्ट सेवा व सरकारी सेवा या फिर सरकारी योजना के संबंध में जब किसी व्यक्ति की जांच करते हुए उसकी सुरक्षा मंजूरी रिपोर्ट तैयार करनी है तो इस बात का खास ध्यान रखा जाए कि वह शख्स कानून व्यवस्था भंग करने में लिप्त न रहा हो। सूत्रों के मुताबिक इसका आशय है कि वह शख्स पत्थरबाजी की घटनाओं में संलिप्त न रहा हो।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें