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जम्मू–कश्मीर के उरी में अक्तूबर महीने में आतंकियों (Terrorists) ने घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसके तहत भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर को पकड़ा था। इसी प्रकरण की जांच अब नेशनल इनवेस्टीगेटिंग एजेंसी (NIA) को सौंपा गया है।
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पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह लगातार एलओसी के जरिए जम्मू से होते हुए घाटी में घुसपैठ की योजना बना रहे हैं। इसमें पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी सेना की बदौलत सरहद पार करने में आतंकियों की मदद कर रही है। उरी में भी आतंकी घुसपैठ की कोशिश इसी योजना का हिस्सा था। लेकिन सेना के जवानों ने ना सिर्फ इस घुसपैठ को विफल किया बल्कि पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर को भी जिंदा पकड़ा था, हालांकि उसके साथी पाक क्षेत्र में भाग गये थे।
आतंकी बाबर ने पाक सेना पर लगाया ये इल्जाम
गौरतलब है कि आतंकी बाबर ने बताया कि उसे घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी सेना से मदद मिली थी। खुफिया सूत्रों ने बताया कि आईएसआई बर्फबारी से पहले सीमा पार से आतंकियों (Terrorists) की घाटी में बड़े पैमाने पर घुसपैठ कराने की साजिश कर रही है। बर्फ गिरने की वजह से घुसपैठ के रास्ते कई महीनों के लिए बंद हो जाते हैं इसलिए आईएसआई जल्द ही योजना को अंजाम देना चाहती है।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पार चल रहे आतंकी लॉन्च पैड पर अभी भी 200 से 250 आतंकियों (Terrorists) की मौजूदगी की सूचना है, जो घुसपैठ के लिए तैयार हैं। ऐसे में भारतीय सेना, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के साथ ही आईबी भी अलर्ट पर है।
बताते चलें कि अक्तूबर महीने में 6 आतंकियों की एक टीम ने सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसकी छानबीन के लिए सेना की काउंटर इंफिलट्रेशन और काउंटर टेरर की एक टुकड़ी आतंकियों की खोजबीन के लिए राजौरी और पुंछ के जंगलों में एक महीने से लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहा है। हालांकि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना के दो अधिकारी और 7 जवान दो अलग-अलग मुठभेड़ों में शहीद हो गये हैं।
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