
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट पर गातार फिदायीन हमले की धमकी मिल रही है।
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अनुच्छेद 370 (Article 370) पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद कोर्ट के कामकाज को प्रभावित करने के लिए लगातार फिदायीन हमले की धमकी मिल रही है। हाई कोर्ट ने कहा कि इन धमकियों को धत्ता बताते हुए कोर्ट में ना सिर्फ लगातार कर्मचारियों की उपस्थिति बढ़ी है, बल्कि मामलों का निपटारा भी तेजी से हुआ है। हालांकि हाई कोर्ट ने अपनी रिपोर्ट में यह जरूर कहा है कि इन धमकियों के कारण वकीलों का एक बड़ा वर्ग कोर्ट आने से कतरा रहा है।
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने सुप्रीम कोर्ट को दो रिपोर्ट्स भेजी हैं। इन रिपोर्ट्स में उन्होंने विस्तार से इस बात का उल्लेख किया है कि इस विपरीत स्थिति में कोर्ट के मामलों को निपटाने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इस रिपोर्ट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि लगातार फियादीन हमले की धमकी मिल रही है। कोर्ट को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। इससे आम लोग और वकील खुद की जान को खतरा मसहूस कर रहे हैं। हाई कोर्ट बार असोसिएशन, श्रीनगर के सदस्यों का एक बड़ा वर्ग इन कारणों से अदालतों में आने से बच रहा है।
हाई कोर्ट की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘7 सितंबर को न्यायिक क्षेत्र में फिदायीन हमलों की धमकी देने वाले पोस्टर चिपकाए गए थे। राज्य की सभी अदालतों की सुरक्षा तुरंत राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर की गई है।’ हालांकि इसमें इस बात का जिक्र है कि धीरे-धीरे कोर्ट में कर्मचारियों की उपस्थिति अब बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 अगस्त के बाद कुछ दिन जहां उपस्थिति 8 फीसदी के आसपास रही वह अब 25 सितंबर तक 63 फीसदी हो गई है।
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