Jammu-Kashmir: केंद्र-शासित प्रदेश के डोमिसाइल कानून में संशोधन, जानें क्या हैं नए नियम…

केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में डोमिसाइल के नए नियमों को लागू कर दिया है।

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केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में डोमिसाइल के नए नियमों को लागू कर दिया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 (Article-370) को हटाए जाने के आठ महीने बाद जम्मू-कश्मीर में रहने के नए नियमों की अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार, 15 सालों के लिए जम्मू-कश्मीर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति और न्यूनतम 10 सालों के लिए केंद्र-शासित प्रदेश में काम करने वाले अधिकारियों के बच्चे और उल्लिखित शर्तों को पूरा करने वाले प्रवासी स्थायी निवास के लिए पात्र हो सकते हैं।

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2010 के जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती) अधिनियम में संशोधन करते हुए राजपत्र अधिसूचना में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश 2020, की धारा 3 A जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहने वाले किसी भी व्यक्ति को स्थायी निवासी का अधिकार देती है।

इसके तहत, जिन बच्चों ने सात साल तक केंद्र शासित प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई की है और दसवीं या बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी है, वे भी जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के डोमिसाइल होंगे। उन्हें सरकारी नौकरियां भी मिल पाएंगी। अधिनियम में संशोधन अधिवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में तहसीलदार को अधिकृत करता है। अधिनियम में संशोधन के बाद डोमिसाइल जारी करने का अधिकार तहसीलदार को है।

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यह डोमिसाइन कानून 25,500 रुपये के मूल वेतन के साथ आने वाले सभी पदों पर भर्ती के लिए लागू होगा। गृह मंत्रालय द्वारा 31 मार्च की शाम को जारी अधिसूचना के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में 15 साल तक रहा हो या जिसने सात साल की अवधि तक अध्ययन किया हो और वहां कक्षा 10 वीं / 12 वीं की परीक्षा में उपस्थित हुआ हो, उसे वहीं का निवासी माना जाएगा।

नए नियम के मुताबिक, केंद्र सरकार के अधिकारियों के बच्चे, सभी अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी, केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकाय के अधिकारी, पब्लिक सेक्टर बैंक, सांविधिक निकायों के अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारी और केंद्र सरकार के मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान जिन्होंने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में दस साल की कुल अवधि में अपनी सेवाएं दी हों या बच्चे जिनके माता पिता इन सभी शर्तों को पूरा करते हों, उन्हें जम्मू-कश्मीर का डोमिसाइल माना जाएगा।

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