
Article 370 खत्म। एक नए युग की शुरुआत। सांकेतिक तस्वीर।
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में एक पखवाड़े से जारी गहमागहमी और सैन्य हलचल के बीच घाटी से दिल्ली तक बनी असमंजस की स्थिति अब लगभग खत्म हो गई है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के सभी खंड को न लागू करने का संकल्प पेश किया। अनुच्छेद 370 में अब सिर्फ खंड 1 रहेगा। गृहमंत्री ने ऐलान कर दिया है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर अब अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जिस अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने यह ऐतिहासिक कदम उठाया वो आखिर है क्या? इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।
-इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
– इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
– जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है।
– भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
– जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है।
Article 370 खत्म, जम्मू कश्मीर और लद्दाख बनेंगे केंद्र शासित प्रदेश
-वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है।
– इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते।
– भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
– जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
– भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
– जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
– धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं।
– कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
– कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
– धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।
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