
फाइल फोटो।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब वहां हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। यहां इंटरनेट और फोन सेवाएं निर्बाध रूप से चालू कर दी गई हैं तथा स्कूल भी खुल चुके हैं। केंद्र सरकार के इस कदम पर अब तक लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया आई है। अब भारतीय जनता पार्टी देशभर में लोगों के बीच एक अभियान चलाकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के फायदों के बारे में विस्तार से बताएगी।
पार्टी की इस योजना के तहत पूरे देश में जनजागरण और जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। खास बात यह भी है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए भाजपा फिल्म, खेल और शिक्षा जगत से जुड़ी करीब 2000 बड़ी हस्तियों से संपर्क भी करेगी। इस अभियान में अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा कई वरिष्ठ मंत्री और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे।
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अभी हाल ही में इस अभियान को चलाने और इसकी सफलता सनुश्चित करने को लेकर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक भी की है। रणनीति के तहत इस अभियान में भाजपा दो समितियां बनाकर 1 सितंबर से 30 सितंबर के बीच 370 जगहों पर जनसंपर्क सभाएं करेगी। जनसंपर्क अभियान की अगुवाई भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान करेंगे जबकि जन जागरण अभियान की अगुवाई का जिम्मा गजेंद्र सिंह शेखावत को दिया गया है।
केंद्र सरकार ने छह अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला किया था। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। केंद्र सरकार की तरफ से यह भी दावा किया गया है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य में किसी भी तरह की कोई बड़ी हिंसक वारदात नहीं हुई है।
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इस महीने की शुरुआत से सरकार के इस कदम के प्रभावी होने के बाद से इसे चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गयी हैं, जिस पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि केंद्र का फैसला किसी भी कानूनी चुनौती का सामना कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘कोई रोक का आदेश जारी नहीं होगा… यह कदम विशेष प्रावधान और जम्मू कश्मीर संविधान के अनुरूप उठाया गया है।’
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद अब लोगों को अपने रहते पीओके के भारत में शामिल होने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘हम खुशकिस्मत हैं कि यह (विशेष दर्जे को रद्द करना) हमारे जीवनकाल में हुआ…यह हमारी तीन पीढ़ियों के बलिदानों से हुआ है। इस ऐतिहासिक कदम के बाद, आइए हम पीओके को पाकिस्तान के अवैध कब्जे से मुक्त करने की सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें और इसे संसद में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव (1994 में) के अनुसार देश का अभिन्न अंग बनाएं।’
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