सीमा पर भारतीय सेना ने बढ़ाई चौकसी, सैकड़ों कोरोना संक्रमित आतंकी घुसपैठ की फिराक में

श्रीनगर से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सेना की खुफिया इकाई ने सूचना दी है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों– हिज्बुल मुजाहिद्दीन एवं लश्कर ए तैयबा के करीब 300 आतंकवादी सीमा पार से घाटी में घुसपैठ करने के इंतजार में हैं।

Militants

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में करीब 300 आतंकवादी (Militants) नियंत्रण रेखा पार कर कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं जबकि भारतीय सेना (Indian Army) इसे रोकने के लिए अपनी घुसपैठ रोधी ग्रीड और आतंकवाद रोधी रणनीति को और मजबूत करने लिये कदम उठा रही है। कश्मीर स्थित 15 कोर के कमांडर ने सैन्य अधिकारियों से कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी काल में नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान पर्याप्त एहतियात बरतने को कहा है क्योंकि घुसपैठियों के इस बीमारी से संक्रमित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

श्रीनगर से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सेना की खुफिया इकाई ने सूचना दी है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों– हिज्बुल मुजाहिद्दीन और लश्कर ए तैयबा के करीब 300 आतंकवादी (Militants) सीमा पार से घाटी में घुसपैठ करने के इंतजार में हैं।

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अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना एवं इसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने हाल के सप्ताह में नियंत्रण रेखा के पास 16 लांचपैड सक्रिय किया है। इनमें से कुछ नौशेरा और चम्ब की दुर्गम पहाडियों पर भी स्थित हैं जहां से आतंकवादी (Militants) आसानी से उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग में घुसपैठ करने के लिए जाने जाते हैं।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि घुसपैठ रोधी ग्रीड (सीआईजी) को और चाक चौबंद करने के लिए सैन्य अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर बैठक कर रहे हैं ताकि आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा (LoC) पार करने का कोई मौका नहीं मिले। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों (Militants) के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्ष और मुठभेड़ की स्थिति में‚ सैनिकों से शवों को लेकर अत्यंत सावधानी बरतने को कहा गया है क्योंकि वे कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हो सकते हैं।

घुसपैठ रोधी ग्रीड (सीआईजी) को और अधिक मजबूत बनाया गया है तथा ग्रीड में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय आसानी से होता है। सैनिकों की तैनाती में कुछ बदलाव किए गए हैं। लीपा घाटी के पार‚ अथमुकम तथा ड़ुड़नियाल में आतंकवादियों (Militants) का भारी जमावड़ा देखा गया है। यह वही इलाका है जहां से एक अप्रैल को पांच आतंकवादियों ने घुसपैठ किया था जिन्हें पांच अप्रैल को मार गिराया गया था। इस मुठभेड़ में सेना के पांच जवान भी शहीद हो गए थे।

अधिकारी ने बताया कि दुमेल‚ सरदारी और धक्की में स्थित लांचपैड़ सामान्य तौर पर गर्मियों में सक्रिय होते हैं। लेकिन वहां भी इस समय आतंकवादियों (Militants) की उपस्थिति देखी गयी है।

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