Jammu and Kashmir: ड्रोन के जरिए आतंक फैलाने की रची जा रही साजिश, जानें हमले की पूरी इनसाइड स्टोरी

जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस ने इस हमले की आड़ में किए गए एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम कर दिया है।

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जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस ने इस हमले की आड़ में किए गए एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम कर दिया है।

जम्मू कश्मीर: जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में रविवार (27 जून) को 5 मिनट में दो धमाके हुए। शनिवार रात करीब 1.45 पर पहला धमाका एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में हुआ। वहीं दूसरा विस्फोट जमीन पर हुआ। धमाके के तुरंत बाद राष्ट्रीय एजेंसियां हरकत में आ गईं और दो राष्ट्रीय एजेंसियों एनआईए (NIA) और एनएसजी (NSG) ने जांच शुरू कर दी।

शुरुआती जांच में क्या आया सामने

शुरुआती जांच के मुताबिक, यह पाकिस्तान की ओर से आतंकी हमला हो सकता है। वायुसेना ने बताया कि यह हमला ड्रोन से किया गया। हालांकि घटना की जगह से ड्रोन के कोई अवशेष नहीं मिले हैं। कहा जा रहा है कि यह पहली बार है जब भारत में ड्रोन से विस्फोट किया गया है। जानकारी के अनुसार, हमले का मकसद पार्किंग एरिया में खड़े हेलिकॉप्टर में विस्फोट करना था। वायुसेना ने बताया कि हमले में कोई भी इक्विपमेंट या एयरक्राफ्ट डैमेज नहीं हुआ है, वहीं घटना से जुड़े होने के कारण दो संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ चल रही है।

आतंकी हमले की साजिश नाकाम

जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस ने इस हमले की आड़ में किए गए एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम कर दिया है। पुलिस ने 5 से 6 किलो की आईईडी बरामद की है, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था। फिलहाल एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले की तीन एंगल से जांच के प्रयास किए जा रहे हैं। पहला ये कि ड्रोन सीमापार से भेजे गए थे, दूसरा ड्रोन को जम्मू के इलाके से ही ऑपरेट किया गया था और तीसरा ये कि विस्फोटक गुब्बारे से गिराए गए थे।

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एयरफोर्स स्टेशन सीमा से 14 किमी दूर

जम्मू (Jammu and Kashmir) का ये एयरफोर्स स्टेशन काफी अहम है। दरअसल ये पाकिस्तान की सीमाओं से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर है। यहीं पर सेना के हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट पार्किंग में लगे होते हैं और यही वो जगह है जहां से आपदा के समय राहत कार्य के लिए ऑपरेशन चलाए जाते हैं। इसके अलावा सैन्य आपूर्ति के लिहाज से भी यह जगह बेहद जरूरी है। दरअसल एयरफोर्स स्टेशन में दो जगह मुख्य होते हैं। पहला टेक्निकल एरिया ( जहां धमाका हुआ) और दूसरा एडमिनिस्ट्रेटिव एरिया। टेक्निकल एरिया में एयर क्राफ्ट से जुड़े सारे पुर्जे और हार्डवेयर रखे जाते हैं।

ड्रोन की कहानी

 भले ही यह पहला मामला हो जब भारत में ड्रोन से हमला किया गया है। मगर सीमा पर कई बार ड्रोन दिख चुके हैं।

– जम्मू कश्मीर पुलिस ने अखनूर सेक्टर में 22 सितंबर को ड्रोन से पहुंचाए गए हथियार बरामद किए थे।

–  लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकियों को जम्मू कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिन्हें 18 सितंबर साल 2020 को पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये हथियारों की सप्लाई की गई थी।

–  जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बीएसएफ ने एक जासूसी ड्रोन को 20 जून 2020 को मार गिराया था। जिससे हथियार और विस्फोट करने वाले सामान मिले थे।

–  पंजाब के तरनतारन जिले में 22 सितंबर 2019 को ड्रोन से हथियार की सप्लाई की गई।

–  अमृतसर के एक गांव में 13 अगस्त 2019 को ड्रोन क्रैश हो गया था।

दरअसल ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ते हैं इसलिए ये रडार की पकड़ में नहीं आ पाते और इससे हमले में भी कम खर्च होता है और इससे हमले की ट्रेनिंग भी आसान होती है। अब इस हमले के बाद आतंकी ड्रोन का प्रयोग आगे की घटनाओं को अंजाम देने में कर सकते हैं इसलिए भारत को इसे नाकाम करने के लिए किसी एडवांस तकनीक को खोजना होगा।

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