
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग और कश्मीरियों को हमवतन बताया है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग और कश्मीरियों को हमवतन बताया है। दिल्ली में 12 सितंबर को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की सामान्य परिषद की बैठक हुई। इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय मंच पर ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारतीय मुस्लमान भारत के खिलाफ हैं। हम पाकिस्तान के इस कदम की कड़ी निंदा करते हैं। इस बैठक में कश्मीर को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया। इस दौरान जमीयत ने कहा कि कोई अलगाववादी आंदोलन न केवल देश, बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी हानिकारक है।
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जमीयत ने अपने प्रस्ताव में कहा कि हमें लगता है कि कश्मीरी लोगों के लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों की रक्षा करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। फिर भी, यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि उनका कल्याण भारत के साथ एकसाथ रहने में ही है। दुश्मन ताकतें और पड़ोसी देश कश्मीर को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत से जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी की पिछले दिनों हुई मुलाकात हुई थी। यह मुलाकात राजधानी स्थित RSS के कार्यालय ‘केशव कुंज’ में हुई थी।
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दोनों की यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली थी। इस पर कई विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी। इसके बाद अरशद मदनी ने प्रेस-वार्ता कर बताया था कि इस मुलाकात के दौरान देश की बेहतरी के लिए साथ मिलकर काम करने पर विचार विमर्श हुआ था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में कई विपक्षी पार्टियों और मुस्लिम संगठनों के बयान आए हैं। ऐसे में जमीयत का यह बयान सरकार और देश के लिए एक अच्छी खबर है।
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